सत्यार्थ प्रकाश में आडंबरों व अंधविश्वास का खंडन: भनवाला
रिटायर्ड प्रिसिपल किताब सिंह भनवाला के अनुसार लॉकडाउन के दौरान सत्यार्थ प्रकाश पढ़ रहा हूं। यह गजब का महान ग्रंथ है।
जींद: रिटायर्ड प्रिसिपल किताब सिंह भनवाला के अनुसार लॉकडाउन के दौरान सत्यार्थ प्रकाश पढ़ रहा हूं। यह गजब का महान ग्रंथ है। इसमें मनुष्य के जन्म से लेकर जीवात्मा के देह त्याग तक की सभी अवस्थाओं का सच्चा एवं सार्थक वर्णन है। महर्षि दयानंद ने इस ग्रंथ में भूत-प्रेत, अंधविश्वास, पत्थर-पूजा आदि निरर्थक व मिथ्या भ्रमों का खंडन किया गया है। ऋषि ने वास्तविकता पर विश्वास करने पर जोर दिया है। ब्रह्मचर्य, परमार्थ और परोपकार का संदेश देकर जाति-पाति तथा धर्म-धर्मांतर आदि के भेदभाव का विरोध किया है। इस ग्रंथ में सत्य को धारण करने व असत्य के त्याग पर बल दिया है। ईश्वर नाम व्याख्या से आरंभ करके ओम नाम शब्द का महत्व बताया गया है। गायत्री मंत्र को सर्वाेत्तम मंत्र कहा गया है और यज्ञ-हवन से प्राप्त लाभों को बताया गया है। कोरोना जैसी बीमारियों से लड़ने में यज्ञ प्रभावशाली क्रिया हो सकती है। इससे वायु शुद्ध होती है।