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रोडवेज कर्मियों की लंबित मांगों को लेकर तालमेल कमेटी ने दिया धरना

हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर मंगलवार को जींद बस अड्डे पर रोडवेज कर्मचारियों की लंबित मांगों को धरना दिया गया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 06:23 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:23 AM (IST)
रोडवेज कर्मियों की लंबित मांगों को लेकर 
तालमेल कमेटी ने दिया धरना
रोडवेज कर्मियों की लंबित मांगों को लेकर तालमेल कमेटी ने दिया धरना

जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर मंगलवार को जींद बस अड्डे पर रोडवेज कर्मचारियों की लंबित मांगों को धरना दिया गया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। धरने की अध्यक्षता कमेटी के वरिष्ठ सदस्य अनूप लाठर, संजय नैन, सुशील इक्कस, अनिल शर्मा ने की और राज्य कमेटी की तरफ से प्रदीप शर्मा, आजाद गिल, जसबीर चहल, संदीप रंगा, सूबे सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए। सुबह 10 बजे ही रोडवेज कर्मचारी नेता बस अड्डे पर एकत्रित हुए और यहां पर धरना शुरू कर दिया। धरने पर कर्मचारी नेताओं ने कहा कि किलोमीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम एवं कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर 6 जनवरी 2020 व 4 जून 2020 को परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिग के निर्णयों व मानी गई मांगों को परिवहन विभाग द्वारा धरातल पर लागू नहीं किया गया। तालमेल कमेटी द्वारा लगातार विरोध करने पर भी सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत लगभग 500 बसें चला दी गई। परिवहन मंत्री व उच्चाधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों में लंबित मांगों को लागू करने का बार-बार वायदा किया गया लेकिन सरकार द्वारा हर बार वायदाखिलाफी की गई। इससे कर्मचारियों में काफी रोष है। धरने पर रामनिवास खरकभूरा, बलकार रेढू, सज्जन रेढू, राममेहर रेढू, जयबीर, राजेश, देवेंद्र, सुरेंद्र, अनिल, राजेंद्र, मंगल, रामफल, नरेंद्र शर्मा मौजूद रहे। कर्मचारी नेता अनूप लाठर ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन तेज किया जाएगा। ------------------- इन प्रमुख मांगों को लेकर दिया धरना -1992 से 2002 के बीच लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए। -सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता दिया जाए। -खाली पदों पर पक्की भर्ती की जाए। -परिचालकों का पे स्केल बढ़ाया जाए। -पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। -साल 2018 में हुई 18 दिन की हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर एस्मा के तहत दर्ज मुकदमे रद किए जाएं। -चार साल के बकाया बोनस का भुगतान किया जाए। -2016 में भर्ती चालकों को पक्का किया जाए। -परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाई जाए। -रोडवेज कर्मचारियों को 50 लाख रुपये बीमा पॉलिसी में शामिल किया जाए। पीपीई किट सहित सभी उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं।

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