विधायक के कड़े तेवर के बाद शाम शुरू हुई जांच
आइडीएसपी कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा शराब पीने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की लीपापोती में लगा हुआ है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने तो कर्मचारियों का मेडिकल करवाया और न ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को कब्जे में लिया गया।
जागरण संवाददाता, जींद : आइडीएसपी कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा शराब पीने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की लीपापोती में लगा हुआ है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने तो कर्मचारियों का मेडिकल करवाया और न ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को कब्जे में लिया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच में बरती जा रही ढील के बाद विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने सवाल उठाए तो सिविल सर्जन हरकत में आए। आनन-फानन में शनिवार शाम को जांच अधिकारी बनाए गए वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. रमेश पांचाल को अधिकारिक तौर पर पत्र दिया गया। पत्र मिलते ही शाम को डा. रमेश पांचाल आइडीएसपी कार्यालय में पहुंचे और आईडीएसपी कार्यालय में तैनात कर्मचारियों से घटना के बारे में जानकारी ली और उनके बयान दर्ज किए गए और पता किया गया कि उस रात को कार्यालय में शराब पीने वाले कौन-कौन से कर्मचारी शामिल थे। हालांकि नौ सितंबर की रात को मीडिया के कैमरों में कुछ कर्मचारी कैद हो गए थे, जबकि कुछ लोग बचकर निकलने में कामयाब हो गए थे। बाद में जब पुलिस मौके पर पहुंची थी तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बताया कि उस समय कार्यालय में पांच कर्मचारी मौजूद थे, लेकिन उनको मीडिया कर्मी व पुलिस आने की भनक लगी तो वह मौके से फरार हो गए, लेकिन उस समय पांचों कर्मचारियों के नाम सामने आ गए थे।
विधायक बोले पुलिस को अब तक क्यों नहीं दी शिकायत
भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने कहा कि एक तरफ कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग लड़ रहा है, वहीं जिन लोगों के कंधों पर इसको कंट्रोल करने की जिम्मेवारी थी उन्होंने आइडीएसपी कार्यालय को मयखाना बनाकर जींद का नाम बदनाम कर दिया। अस्पताल मुखिया को शराब की महफिल जमाने वाले इन कर्मियों की शिकायत पुलिस को देकर खुद भी कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसमें लापरवाही बरती है। स्वास्थ्य अधिकारी खुद ही खानापूर्ति करके कर्मियों को बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके अस्पताल प्रशासन एक आदर्श प्रस्तुत कर सकता था, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करना अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठता है। वो फिलहाल घर पर ही आइसोलेट हैं और जैसे ही यह अवधि पूरी होती है वो तुरंत प्रभाव से सीएमओ से मिलेंगे और अब तक शराब पीने वाले कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की है उसकी जानकारी लेंगे। फिलहाल यह मामला गृह मंत्री अनिल विज के संज्ञान में भी लाया गया है। यदि ऐसे कर्मियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तो वो स्वयं इस मामले में एक्शन लेंगे। सीएमओ को चाहिए कि वो मामले की निष्पक्ष जांच करवा इन कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएं।
गायब हो सकती है सीसीटीवी कैमरों की फुटेज
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उस रात को जब पुलिस व मीडिया कर्मी आइडीएसपी कार्यालय में पहुंचे थे तो सीसीटीवी कैमरों की रेड लाइटें जल रही थी, लेकिन अब अस्पताल प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि उस समय सीसीटीवी कैमरे चल नहीं रहे थे। ऐसे में अब सीसीटीवी कैमरों की फुटेज गायब होने का खतरा बन गया है। अगर जांच में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज सामने आ जाए तो सभी कर्मचारियों की उस रात की हरकत सामने आ सकती है और यह भी पता चल सकता है कि इससे पहले भी कर्मचारी वहां पर शराब पीते थे या नहीं। सीसीटीवी कैमरे कार्यालय में सुरक्षा की दृष्टि से लगाए हुए है और अगर रात के समय वह बंद रहते हैं तो यह भी व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
मामले की जांच शुरू
सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने बताया कि कर्मचारियों के शराब पीने के मामले की जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. रमेश पांचाल को शनिवार से ही जांच शुरू करने के लिए कहा गया है और जांच शुरू भी कर दी गई है।
कर्मचारियों की लिस्ट मांगी
मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. रमेश पांचाल ने बताया कि जांच शुरू कर दी है और वहां पर कौन-कौन कर्मचारी काम करता है उनकी लिस्ट ली गई है और कर्मचारी किस समय कार्यालय से जाते हैं यह भी जानकारी ली है। अब सभी कर्मचारियों को जांच में शामिल किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी जल्द ही जांच की जाएगी।