¨जदगी स्वर्ण बनानी है तो समझौता कर लो: अचल मुनि
संवाद सूत्र, उचाना : 22 पंथ जैन स्थानक में अचल मुनि महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि थोड़ा
संवाद सूत्र, उचाना : 22 पंथ जैन स्थानक में अचल मुनि महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि थोड़ा मर्यादा में रहना सीखों। जीवन में मर्यादा आगे बढ़ाती है। पानी अगर नदी के किनारों के बीच में बहता रहेगा तो ठीक रहेगा चारों तरफ हरियाली लेकर आएगा। किनारा जैसा ही टूटा तो समझो तबाही ही तबाही मच जाएगी। चूल्हे की आग चूल्ले (सीम) में रहेगी तो आपके खाने के लिए रोटी, सब्जी बना देगी और दूध चाय भी गर्म करके पीने को मिल जाएगा। आग जैसे ही बाहर निकली तो समझ लेना सब कुछ भस्मसात हो जाएगा। गाड़ी में अगर रेस है तो ब्रेक भी है, जो हमें रुकने को कहता है। भगवान ने साधु समाज के लिए और भक्त समाज के लिए भी कुछ बातें बताई वो सभी हमें अपने जीवन में लागू करनी होंगी। आज कोई भी व्यक्ति रोक, टोक पंसद नहीं करता। एक बालक भी कह देता है कि मम्मी पापा को तो बात-बात पर टोकने की आदत सी पड़ गई है। एसएस जैन सभा प्रधान हुकम चंद जैन, महामंत्री दयानंद जैन ने बताया कि चातुर्मास प्रवेश से पहले ही अखिल मुनि महाराज की आयंबिल कर रहे हैं। शुक्रवार के उनको 29वां दिन हो गया है।