समाज में लैंगिक समानता होगी तो बाल शोषण मुद्दों में आएगी गिरावट : मलिक
बाल कल्याण केंद्र के राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि प्रेरणा अंदरूनी होती है वातावरण सहायक होता है। सिर्फ सकारात्मक सोच ही महत्वपूर्ण नहीं है उसके साथ जरूरी है आशावादी नजरिया उत्साह हौसला व जुनून। फिर हर मंजिल आसान हो जाती है। वह बुधवार को केएम राजकीय महाविद्यालय में सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
संवाद सूत्र, नरवाना : बाल कल्याण केंद्र के राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि प्रेरणा अंदरूनी होती है, वातावरण सहायक होता है। सिर्फ सकारात्मक सोच ही महत्वपूर्ण नहीं है, उसके साथ जरूरी है आशावादी नजरिया, उत्साह, हौसला व जुनून। फिर हर मंजिल आसान हो जाती है। वह बुधवार को केएम राजकीय महाविद्यालय में सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त व्यक्ति, जिसका नजरिया दूरदर्शी हो और सोच सकारात्मक हो तो वह विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक परिणाम हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को ऐसा वातावरण प्रदान करें कि वह अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके। प्रोत्साहन ही ऐसी शक्ति है जो बड़े-बड़े काम को अंजाम तक पहुंचा सकती है। युवा वर्ग को अपने संबंधित क्षेत्र में सामाजिक चेतना जगाने के लिए सकारात्मक प्रवृत्ति के लोगों को अपने साथ लें। अगर लैंगिक समानता होगी तो बाल शोषण जैसे मुद्दों में गिरावट आएगी।
उन्होंने कहा कि जागरूकता ही सावधानी है, इसलिए हमें खुद भी जागना होगा और लोगों की चेतना को भी जगाना होगा। मलिक ने कहा कि केंद्रों का मुख्य उद्देश्य बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों व अभिभावकों को भी जागरूक करना है। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. राजकुमार ख्यालिया, संतरो लांबा, प्रेमचंद भल्ला उपस्थित रहे।