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जींद डिपो के अच्छा काम करने वाले 28 कर्मचारी हुए सम्मानित

रोडवेज के जींद डिपो में बसों की बढि़या केएमपीएल (किलोमीटर प्रति लीटर) और अछी रिसीट लाने वाले टॉप-2

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:10 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:10 AM (IST)
जींद डिपो के अच्छा काम करने वाले 28 कर्मचारी हुए सम्मानित
जींद डिपो के अच्छा काम करने वाले 28 कर्मचारी हुए सम्मानित

जागरण संवाददाता, जींद : रोडवेज के जींद डिपो में बसों की बढि़या केएमपीएल (किलोमीटर प्रति लीटर) और अच्छी रिसीट लाने वाले टॉप-28 कर्मचारियों को बुधवार को महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा, वर्कशॉप मैनेजर गुलाब सिंह दूहन ने सम्मानित किया। 9 चालकों, 9 परिचालकों और 10 मैकेनिकों को जीएम और डब्ल्यूएम ने प्रशस्ति पत्र दिया।

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महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा और वर्कशॉप मैनेजर गुलाब सिंह दूहन ने कहा कि प्रदेश के सभी डिपो को घाटे से उबारने और चालकों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से यह योजना बनाई गई थी कि रोडवेज के जो भी ड्राइवर-कंडक्टर बसों की सही एवरेज और रिसीट निकालकर डिपो की आमदनी बढ़ाने में सहयोग करेंगे, उन चालक-परिचालकों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए। जींद डिपो के जो चालक-परिचालक केएमपीएल, बसों की मेंटिनेंस, रैगुलरिटी, किलोमीटर, रिसीट सही ला रहे हैं तथा यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार कर रहे हैं, उन 28 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्टेनो डीडी शर्मा, सुपरीटेंडेंट रामकुमार भी खास तौर पर मौजूद रहे।

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यह परिचालक बने दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत

बुधवार को जिन चालक-परिचालकों को सम्मानित किया गया, उनमें चालक जोगेंद्र, विजेंद्र, राजपाल, हरिश, कमल, रामपाल, सतबीर, जितेंद्र व परिचालक आजाद, राममेहर, सुखबीर, अनिल, नरेश, दलबीर, श्योराण, राजबीर, अनिल शामिल हैं। इसके अलावा टायरमैन रामलाल, गौरव, प्रेम चंद वैल्डर, भोला राम, जगबीर, कृष्ण कुमार, इलेक्ट्रीशियन विजेंद्र दलाल व मैकेनिक रोशन को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। राजपाल और राजेश चालक पहले भी अपने बढि़ाया काम की बदौलत सम्मानित हो चुके हैं।

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दूसरों को भी मिलेगी बेहतर काम करने की प्रेरणा

जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा और वर्कशॉप मैनेजर गुलाब सिंह दूहन ने बताया कि इससे दूसरे चालक-परिचालकों को भी बढि़या काम करने की प्रेरणा मिलेगी। रोडवेज में सबसे कठिन और कष्टदायक नौकरी चालकों की होती है। लगातार कई-कई घंटों तक एक ही सीट पर बैठकर ड्राइविग, यात्रियों को ध्यान, सेफ ड्राइविग, किलोमीटर पूरे करना समेत सभी बातों का ध्यान चालकों को रखना पड़ता है।


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