मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों का सात घंटे करना पड़ रहा इंतजार
नागरिक अस्पताल में मेडिकल प्रमाणपत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। करीब दो माह की वेटिग के बाद दिव्यांगों का मेडिकल परीक्षण के लिए नंबर आ रहा है।
जागरण संवाददाता, जींद : नागरिक अस्पताल में मेडिकल प्रमाणपत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। करीब दो माह की वेटिग के बाद दिव्यांगों का मेडिकल परीक्षण के लिए नंबर आ रहा है। इसके बावजूद दिव्यांगों को डॉक्टरों के आने का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार को जिन दिव्यांगों का मेडिकल परीक्षण की तिथि दी गई थी, वे सुबह आठ बजे ही नागरिक अस्पताल में पहुंच गए थे और फाइल जमा करवाने के लिए पहले तो करीब दो घंटे लाइन में लगना पड़ा और उसके बाद टोकन देकर कर्मचारियों ने दोपहर बाद मेडिकल बोर्ड बैठने की बात कहकर इंतजार करने के लिए कह दिया। गर्मी का मौसम होने के कारण दिव्यांग काफी देर तक जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन के भवन के सामने खाली पड़ी जमीन पर बैठकर इंतजार करना पड़ा। इसके कारण दोपहर तक कई दिव्यांग इतने परेशान हो चुके थे कि वे टीबी वार्ड के अंदर जाकर फर्श पर लेट गए। करीब अढ़ाई बजे मेडिकल के लिए डॉक्टर कमरे में पहुंचे। इसके बार दिव्यांग फिर से डॉक्टर के कमरे के बाहर लाइन में लग गए। जहां पर अधिकतर दिव्यांगों का नंबर दो घंटे के बाद आया। दिव्यांगों का मेडिकल कराने के लिए पहुंचे परिजनों का कहना था कि भगवान ने पहले ही इनको शारीरिक रूप से कमजोर बनाया हुआ है। ऊपर से गर्मी के इस मौसम में डाक्टरों के आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है। जो दिव्यांग मानसिक रूप से कमजोर हैं, उनको इतने घंटे वहां पर रखना मुश्किल हो जाता है। हालात तो उस समय ज्यादा खराब हो जाती है, जब किसी दिव्यांग को बाथरूम में लेकर जाना पड़ता है, जहां पर दिव्यांगों को खुले में ही बाथरूम करना पड़ता है या इसके लिए उनको नागरिक अस्पताल के पुराने भवन में बने बाथरूम में लेकर जाना पड़ता है। इससे जहां पर दिव्यांग परेशान हो जाते है, वहीं उनके साथ आए परिजन भी परेशान हो जाते हैं।
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गांव नगूरां निवासी शमशेर ने बताया कि वह शारीरिक रूप से कमजोर है और कॉलेज में दाखिले के लिए प्रमाण पत्र बनवाना है। उसने करीब तीन माह पहले फाइल जमा करवाई थी और आज की तिथि दी थी। वह सुबह नौ बजे ही अस्पताल में पहुंच गया था, लेकिन दो बज चुके हैं, लेकिन अभी तक डाक्टर नहीं आए है। दिव्यांगों को बैठने के लिए यहां पर कोई व्यवस्था भी नहीं की गई। सुबह वह वह खड़ा हुआ है और वह परेशान हो चुका है। दिव्यांगों की परेशानी को देखते हुए सुबह ही डाक्टरों को बैठना चाहिए।
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अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी है। सुबह के समय सभी विशेषज्ञों को ओपीडी करनी पड़ती है। ओपीडी पूरी करने के बाद विशेषज्ञ मेडिकल के लिए पहुंचते हैं। इसके चलते दोपहर बाद दिव्यांग का मेडिकल करने के लिए बोर्ड बैठता है।
डॉ. शशि प्रभा अग्रवाल
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