सरकार खेलों में राजनीति कर ओछी मानसिकता का दे रही परिचय : मलिक
फोटो नंबर---16 संवाद सूत्र, जुलाना : बंद एसी कबंद एसी कमरों में बैठ कर खेल नीति नहीं बल्कि वोट नीति बनाई जा सकती है। वर्ष 2001 में इनेलो की ओमप्रकाश चौटाला सरकार के कार्यकाल में बनाई गई खेल नीति को पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार ने खेल अपने राजनैतिक और निजी स्वार्थों के कारण बार-बार बदल कर खिलाड़ियों के मनोबल को गिराने का काम किया है। यह बात प्रदेश के पूर्व डीजीपी और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रधान डॉ. महेन्द्र ¨सह मलिक ने मंगलवार को गांव शामलो कलां में ग्रामीणों से रूबरू होते हुए कही।
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संवाद सूत्र, जुलाना : बंद एसी कमरों में बैठ कर खेल नीति नहीं बल्कि वोट नीति बनाई जा सकती है। वर्ष 2001 में इनेलो की ओमप्रकाश चौटाला सरकार के कार्यकाल में बनाई गई खेल नीति को पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार ने खेल अपने राजनैतिक और निजी स्वार्थों के कारण बार-बार बदल कर खिलाड़ियों के मनोबल को गिराने का काम किया है। यह बात प्रदेश के पूर्व डीजीपी और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रधान डॉ. महेन्द्र ¨सह मलिक ने मंगलवार को गांव शामलो कलां में ग्रामीणों से रूबरू होते हुए कही। मलिक ने कहा की गोलमाल खेल नीति के कारण ही राज्य भवन में खिलाड़ियों में सम्मान की तारीख तय की गई थी उसमे भी खिलाड़ियों को खाली हाथ लौटना पड़ा। डॉ. महेंद्र ¨सह मलिक ने कहा की 1989 में चौधरी देवीलाल ने कुश्ती को राज्य खेल घोषित किया था जिसकी भी अनदेखी राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। इस मौके पर आनंद लाठर, सुरजीत मलिक, राजा राम नंबरदार, सतबीर मलिक, रणधीर ¨सह श्योराण मौजूद रहे।