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जुलाना में पहली बार कमल ने सबको रौंदा

जींद जिले का शुद्ध ग्रामीण हलका कहे जाने वाले जुलाना में पहली बार भाजपा ने अप्रत्याशित प्रदर्शन किया। वर्ष 2014 में मोदी लहर में भी जुलाना से इनेलो प्रत्याशी पदम सिंह दहिया को लीड मिली थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 10:58 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:58 AM (IST)
जुलाना में पहली बार कमल ने सबको रौंदा
जुलाना में पहली बार कमल ने सबको रौंदा

जागरण संवाददाता, जींद

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जींद जिले का शुद्ध ग्रामीण हलका कहे जाने वाले जुलाना में पहली बार भाजपा ने अप्रत्याशित प्रदर्शन किया। वर्ष 2014 में मोदी लहर में भी जुलाना से इनेलो प्रत्याशी पदम सिंह दहिया को लीड मिली थी। इस बार कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा के आने के बाद भाजपाई भी जुलाना में खुद की जीत नहीं मान रहे थे। लेकिन गांवों में भी भाजपा को मिले अच्छे वोटों ने कांग्रेसियों की उम्मीदें ध्वस्त कर दी।

वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश कौशिक को जुलाना से 33960 वोट व इनेलो के पदम सिंह को दहिया को 41895 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के जगबीर मलिक को 23632 वोट मिले थे। इस तरह दहिया को 7935 वोटों की लीड मिली थी। यही नहीं, 2014 के विधानसभा चुनाव में तो भाजपा प्रत्याशी संजीव बुआना की जमानत जब्त हो गई थी। यहां से परमेंद्र सिंह ढुल लगातार दूसरी बार इनेलो की टिकट पर 22806 वोटों से जीत मिली थी। कांग्रेस के धर्मेंद्र सिंह ढुल दूसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन इस बार चुनाव परिणाम हैरान करने वाला रहा। सियासी पंडित भी यह मानकर चल रहे थे कि जुलाना में भाजपा दूसरे नंबर पर रहेगी। लेकिन गांवों से भी भाजपा को खूब वोट मिले। साथ ही, जुलाना से हुड्डा की हार का कारण दस साल तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान इस इलाके से भेदभाव किया। जुलाना के साथ लगते रोहतक में तो खूब विकास हुआ। किसानों को जमीन अधिग्रहण का भी खूब रेट मिला, लेकिन जुलाना में जमीन अधिग्रहण का मुआवजा बहुत कम दिया गया। किसानों के आंदोलन और विधायक ढुल के प्रयासों से अब भाजपा सरकार ने जुलाना को बढ़ाकर मुआवजा दिया। इस कारण भी भाजपा को गांवों से वोट मिले।

--विधायक ढुल भी बने कौशिक की जीत का कारण

फोटो: 36

जुलाना के इनेलो विधायक परमेंद्र सिंह ढुल फील्ड में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। चुनाव से पहले उनकी भाजपा में जाने की चर्चा थी। लेकिन भगवा झंडा पहनने के बजाय अंदरखाते उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया। सियासी गलियारों में यही चर्चा रही कि चुनाव से दो दिन पहले उन्होंने गांवों में अपने समर्थकों से संपर्क करके भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की थी। यही कारण रहा कि भाजपा प्रत्याशी रमेश कौशिक जुलाना से 10 हजार से ज्यादा की लीड लेने में कामयाब रहे। अब ढुल के जल्द भाजपा में जाने की चर्चाएं हैं।

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