कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किलाजफरगढ़ गांव में धरने पर बैठे रहे किसान
पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच किलाजफरगढ़ गांव में मांगों को लेकर किसान धरने पर बैठे रहे।
संवाद सूत्र, जुलाना : पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच किलाजफरगढ़ गांव में मांगों को लेकर किसान धरने पर बैठे रहे। 28 जुलाई को जुलाना की नई अनाज मंडी में किसानों ने महापंचायत कर सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 13 अगस्त को उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 14 अगस्त को वह दिल्ली जाने वाली ट्रेनों को रोक देंगे। बुधवार को ट्रेन रोकने के किसानों के अल्टीमेटम को लेकर प्रशासन बुधवार को मुस्तैद रहा। किसान रेल नहीं रोके इसके लिए प्रशासन ने नौ डीएसपी व सात ड्यूटी मजिस्ट्रेट सहित 12 कंपनियां तैनात की। सड़क व रेलवे ट्रैक तथा धरना स्थल पर भारी पुलिस तैनात किया गया। जींद के नायब तहसीलदार कर्ण सिंह, अलेवा के नायब तहसीलदार कृष्ण, जुलाना के तहसीलदार शिव कुमार, जुलाना के नायब तहसीलदार आनंद रावल, जींद के तहसीलदार मनोज कुमार, जुलाना के बीडीपीओ धर्मबीर खर्ब, उचाना के नायब तहसीलदार नरेश कुमार, नरवाना के बीडीपीओ राजेश, नायब तहसीलदार राजीव भाटिया को ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाया गया। बुधवार को किसान किलाजफरगढ़ गांव में धरने पर शांतिपूर्ण बैठे रहे। 10 अप्रैल को किसानों ने भूमि अधिग्रहण के उचित मुआवजे को लेकर किजलाफजरगढ़ गांव में धरने पर बैठे थे। किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक जवाब ना मिलने के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है। हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन की सभी मांगे तर्कसंगत है तथा कानूनी प्रावधान मांगों के पक्ष में है। लेकिन हरियाणा सरकार ने गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया हुआ है। जुलाना से भी किसान हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन में भाग लेने के लिए झज्जर जिले के आसौदा गांव से गुजर रही दिल्ली-बठिडा रेलवे ट्रैक को ब्लॉक करने के लिए पहुंच गए। जुलाना में भी किसान रेलवे ट्रैक पर बैठने के लिए तैयार बैठे हैं। किसान रेल रोकने के अपने फैसले पर अड़े हुए है।