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ठंड में 57 किसान मर चुके, पीएम एक शब्द नहीं बोले : सुरजेवाला

किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला रविवार को जींद-उचाना के बीच खटकड़ टोल प्लाजा पर दस दिनों से धरने दे रहे किसानों के बीच पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 06:00 AM (IST)
ठंड में 57 किसान मर चुके, पीएम एक शब्द नहीं बोले : सुरजेवाला
ठंड में 57 किसान मर चुके, पीएम एक शब्द नहीं बोले : सुरजेवाला

संवाद सूत्र, उचाना : किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला रविवार को जींद-उचाना के बीच खटकड़ टोल प्लाजा पर दस दिनों से धरने दे रहे किसानों के बीच पहुंचे। सुरजेवाला ने कहा कि यह लड़ाई कांग्रेस बनाम भाजपा व मजदूर बनाम भाजपा की नहीं, बल्कि देश बनाम भाजपा की है। देश के 130 करोड़ लोग और नरेंद्र मोदी व उनके मुट्ठी भर उद्योगपति मित्रों के बीच की लड़ाई है।

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किसानों को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की माता के निधन पर शोक प्रकट करने का समय तो है, लेकिन उनके घर से 20 किलोमीटर दूर ठिठुरती सर्दी में 57 किसान अपनी जान दे चुके हैं। उनके बारे में पीएम कुछ नहीं बोल रहे हैं। सरकार को तीनों काले कानून वापस लेने चाहिए। सारे सांसद और देश इन कानूनों के खिलाफ है। सरकार इन कानूनों को वापस ले और नए सिरे से बातचीत करे। भाजपा फैसला करे कि उन्हें चार आदमियों के साथ खड़ा होना है या देश के 130 करोड़ लोगों के साथ। पीएम मोदी भी फैसला करें कि उन्हें चार उद्योगपतियों की चौखट पर सिर रखकर सिक्कों की खनक में इमान को बेचना है या देश के खेत-खलिहान की रक्षा करनी है। जिस दिन भाजपा व पीएम इस बात का फैसला कर लेंगे, किसान आंदोलन का समाधान उसी दिन हो जाएगा।

चार जनवरी को किसानों और सरकार की संभावित वार्ता पर सुरजेवाला ने कहा कि अब किसानों को कुछ नहीं करना है, बल्कि सरकार को तीनों कानून वापस लेने हैं। क्योंकि पूरे देश आज कृषि कानूनों के खिलाफ है। चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये काले कानून रात के अंधेरे में बनाए गए हैं। न किसी किसान संगठन से राय ली न किसी कृषि विशेषज्ञ से राय ली गई। इस मौके पर आजाद पालवां, दलबीर श्योकंद, रमेश मखंड, प्रदीप श्योकंद, जंगीर सिंह मौजूद रहे।


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