जुलाना तहसील से किसानों ने दूसरे दिन भी नहीं खोला ताला, धरना जारी
जुलाना खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने पर भारतीय किसान यूनियन
फोटो-7 संवाद सूत्र, जुलाना : खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने पर भारतीय किसान यूनियन का धरना लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। किसानों ने तहसील के एक गेट पर ताला लगाए रखा। गेट के बाहर बैठ की किसानों ने पूरे दिन धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया। धरने की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र लाठर ने की।
बुधवार सुबह नौ बजे ही किसान तहसील कार्यालय में जुटने शुरू हो गए। किसानों को समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी के सदस्य तहसील कार्यालय पहुंचे और किसानों की मांगों का समर्थन किया। इस मौके पर आप की महिला जिलाध्यक्ष डा. रजनीश जैन ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोल बाला है। अगर किसान रिश्वत दे देते हैं तो मुआवजा मिल जाता है, लेकिन असली किसान को मुआवजे से महरुम रहना पड़ता है। किसान को अपने हक को पाने के लिए खुन के आंसू बहाना पड़ रहा है, लेकिन सरकार के कानों पर कोई भी जूं तक नही रेंग रही है। प्राकृतिक आपदा के दो साल बीत जाने पर भी किसानों को उनके हक का मुआवजा नहीं मिला है। भारतीय किसान यूनियन के जिला उपप्रधान नरेंद्र ढांडा ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने नौ मई को ज्ञापन के माध्यम से तीन मांगे रखी हैं। इनमें से खरीफ की फसल का मुआवजा दिया जाए। गेहूं की जली फसल का मुआवजा दिया जाए। जलभराव से खाली रहे रकबे का भी किसानों को मुआवजा दिया जाए ताकि किसानों को आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सके। किसानों ने कहा कि जब तक उन्हें खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलता वो तहसील का ताला नहीं खोलेंगे। इस मौके पर नरेंद्र लाठर, पवन करसोला, विजय लाठर, कप्तान, प्रदीप सिहाग मौजूद रहे। किसानों ने दिनभर दिया तहसील में धरना, नही पहुंचा कोई भी अधिकारी :
जुलाना की तहसील को ताला जड़ने के बाद भारतीय किसान यूनियन ने दूसरे दिनभर गेट के बाहर धरना दिया, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर किसानों की सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा। किसानों ने कहा कि जब तक किसानों के खाते में मुआवजा नहीं आता वो धरने से नहीं उठेंगे। हालांकि किसानों ने बताया कि तहसीलदार ने उन्हें बात करने के लिए कार्यालय में बुलाया है, लेकिन किसानों ने शर्त रखी कि वो धरना स्थल पर आकर किसानों की मांगों को मानें तभी धरना समाप्त होगा।