कोरोना की दहशत फैलाकर आंदोलन खत्म करने की साजिश: किसान नेता
बद्दोवाल टोल पर किसानों के धरने को चार महीने हो गए हैं। शुक्रवार को मंच संचालन कर रहे मा. सतबीर ने कहा कि भाजपा सरकार कोरोना के नाम पर दहशत फैलाकर किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिश रच रही है
संवाद सूत्र, नरवाना : बद्दोवाल टोल पर किसानों के धरने को चार महीने हो गए हैं। शुक्रवार को मंच संचालन कर रहे मा. सतबीर ने कहा कि भाजपा सरकार कोरोना के नाम पर दहशत फैलाकर किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिश रच रही है। लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि पिछले एक साल में सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए क्या किया है?
धरने की अध्यक्षता देवा सिंह धर्मगढ़ ने की, वहीं क्रमिक भूख हड़ताल पर गांव दनौदा से जयबीर, चांद बहादुर, दबलैन से बलराज, लौन से कृष्ण तथा ढाकल से चांदी बैठे।
सोनीपत के कथूरा गांव से आए वक्ता अक्षय नरवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार हमारा भाईचारा खराब करने के लिए आंबेडकर जयंती मनाने का नाटक कर रही थी। यह बीजेपी की सरकार ही है जो तीन काले कानून लाकर संविधान को तोड़ने का काम कर रही है। किसान आंदोलन तीन पीढि़यों का आंदोलन है और चुनाव आने पर ये तीन पीढ़ी इस सरकार के घमंड को रगड़ कर रख देंगी। बस, इस आंदोलन में सब वर्गों की भागीदारी चाहिए।
गांव थुआ से आई राजबाला ने कहा कि बद्दोवाल टोल धरना टिकरी बॉर्डर व सिघु बॉर्डर से कम नहीं, जहां हजारों की संख्या में पुरुष व महिलाएं 120 दिन से मोर्चे पर डटकर गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम कर रहे हैं। पहले किसान एक था, अब अन्य वर्गों ने साथ देकर इसे अनेकों की श्रेणी में ला करके खड़ा कर दिया है। अन्य वक्ताओं शीशपाल, रामप्यारी, सीमा धर्मगढ़ आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन करते हुए आगे बढ़ना है।
धरने पर मुख्य रूप से बसाऊ सरपंच, महेंद्र गोयत, मा. चांदीराम, सुनील बद्दोवाल, राजेंद्र सरपंच, निहाला गुरुसर, जगदीश जाजनवाला, डा. रामचंद्र, कलावती, डिपल, नरेश, वेदपाल शास्त्री, रतन सिंह, महेंद्र राविश, मनीराम, मा. साधुराम, दलेर राणा, महावीर सुरजेवाला आदि उपस्थित रहे।