गुरुद्वारा तेग बहादुर साहिब में हुआ कार्यक्रम का आयोजन
सिखों के 10वें गुरु गोबिद सिंह की जयंती पर रविवार को गुरुद्वारा तेग बहादुर साहिब में कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान रागी जत्थों ने अपने ढाडी वारों से गुरु की महिमा का बखान किया।
जागरण संवाददाता, जींद : सिखों के 10वें गुरु गोबिद सिंह की जयंती पर रविवार को गुरुद्वारा तेग बहादुर साहिब में कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान रागी जत्थों ने अपने ढाडी वारों से गुरु की महिमा का बखान किया। इससे पहले सुबह प्रभात फेरी निकाली गई और फिर गुरुद्वारा में लंगर का भी आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्म के लोगों ने सेवा की। इससे पहले जसबीर सिंह के रागी जत्थे ने गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरुजी ने कहा था कि धरम दी किरत करनी यानी के अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं। दसवंड देना यानी के अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें। कम करन विच दरीदार नहीं करना से कहा कि काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें। धन, जवानी तै कुल जात दा अभिमान नै करना मतलबके अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें। जसवंत सिंह ने गुरु गोबिद सिंह की बाणी को लेकर कहा कि किसी दि निदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना। हमें किसी की चुगली, निदा से बचना चाहिए और किसी से ईष्र्या करने के बजाय मेहनत करनी चाहिए। इसी तरह परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी के माध्यम से बताया कि किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करें। इस मौके पर प्रधन भगवंत सिंह, कंवलजीत ग्रेवाल, बलविद्र सिंह, अशोक छिब्बर, मनोज वधवा, नारायण सिंह, कमल, प्रवीण, सरदार त्रिलोचन सिंह मौजूद रहे।