आठ बड़े प्रोजेक्ट, जो घोषणा बनकर रह गए
जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा गठन के समय अस्तित्व में आया जींद जिला 51 साल बाद भी विकास क
जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा गठन के समय अस्तित्व में आया जींद जिला 51 साल बाद भी विकास के लिए तरस रहा है। जींद के साथ लगते रोहतक, कैथल, करनाल और हिसार जिले काफी आगे निकल गए हैं, लेकिन जींद अब भी पिछड़ा हुआ है। मुख्यमत्री मनोहरलाल ने सत्ता में आने के बाद कई बड़ी घोषणाएं की थी, लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी उन पर अमल नहीं हुआ है।
प्रदेश में साढ़े तीन साल पहले सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने जींद के लिए आठ बड़े प्रोजेक्टों की घोषणा की थी, जिनमें मेडिकल कॉलेज, अटल पार्क, दो आरओबी, पोलटेक्निक कॉलेज, ट्रांसपोर्ट नगर, जुलाना में महिला कॉलेज, बधाना में हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी का रिजनल सेंटर शामिल है, लेकिन इनमें से एक भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पाया है। तीन प्रोजेक्ट के लिए तो सरकार जमीन भी नहीं ढूंढ पाई है।
26 दिसंबर 2014 को सीएम मनोहर लाल ने जींद दौरे पर ट्रांसपोर्ट हब बनाने, मेडिकल कॉलेज बनाने, पोलिटेक्निक कॉलेज बनाने समेत कई सौगात दी थी। इससे जींद जिले के पिछड़ेपन के दाग धुलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन इन योजनाओं पर धरातल पर काम शुरू नहीं हो पाने की वजह से ये उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं। पोलिटेक्निक कॉलेज के लिए तो जमीन की भी तलाश नहीं हो सकी है, ऐसे में बीजेपी के बचे हुए करीब डेढ़ साल के कार्यकाल में इन योजनाओं के पूरा होने पर संशय है। जींद शहर में दिल्ली-ब¨ठडा रेलवे सेक्शन पर पुराना हांसी रोड और भिवानी रोड बाइपास पर आरओबी की घोषणा फाइलों में अटक कर रह गई है। जुलाना में महिला कॉलेज की मुख्यमंत्री की घोषणा भी पूरी नहीं हुई है। अटल का शिलान्यास खुद सीएम ने किया था, लेकिन इसका निर्माण भी अधर में लटका हुआ है।
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ट्रांसपोर्ट नगर: ठंडे बस्ते में
26 दिसंबर 2014 को पहले दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जींद को ट्रांसपोर्ट हब बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इस घोषणा पर अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। प्रशासन द्वारा अभी तक इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है और यह योजना लगभग ठंडे बस्ते में डाली जा चुकी है।
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पोलिटेक्निक कॉलेज: जमीन नहीं मिली
इसकी भी घोषणा सीएम ने अपनी पहले जींद दौरे पर की थी। सीआरएसयू में पांच एकड़ में पोलिटेक्निक कॉलेज बनाने का निर्णय लिया गया, लेकिन जमीन कम होने का हवाला देते विवि प्रबंधन उनके यहां कॉलेज बनाने से इंकार कर दिया। बधाना में भी विचार किया गया, लेकिन अब राजपुरा में प्रशासन जमीन तलाश रहा है।
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मेडिकल कॉलेज: ईंट भी नहीं लगी
पहले दौरे पर सीएम द्वारा मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा से जिला में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुधार की उम्मीद जगी थी। शहर से सटे हैबतपुर गांव की ग्राम पंचायत ने प्रशासन को इसके लिए जमीन भी मुहैया करा दी, लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बावजूद मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।
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होर्टिकल्चर विवि का रीजलन सेंटर: सिर्फ घोषणा
करीब तीन साल पहले केंद्र सरकार ने जींद जिले में हॉर्टीकल्चर यूनिवर्सिटी का रिजनल सेंटर बनाने की घोषणा की थी। कैप्टन शहीद पवन कुमार के गांव बधाना में ग्राम पंचायत ने प्रशासन को जमीन दी हुई है, लेकिन अभी तक जमीन ही ट्रांसफर नहीं हो सकी है। ऐसे में इसके जल्द भविष्य में निर्माण शुरू होने की उम्मीद कम है।