Move to Jagran APP

धान की खरीद में कोताही बरतने पर किसानों ने मेला मंडी के गेटों पर जड़ा ताला

धान की सरकारी खरीद कई दिन से जारी है नरवाना की दोनों मंडियों सहित अन्य सब यार्डों में लगभग 4 लाख क्विंटल धान आ चुकी है। फिर भी धान की खरीद में तेजी लाने में सरकारी एजेंसियां कोताही बरतती नजर आती हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 06:58 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:58 AM (IST)
धान की खरीद में कोताही बरतने पर किसानों ने मेला मंडी के गेटों पर जड़ा ताला
धान की खरीद में कोताही बरतने पर किसानों ने मेला मंडी के गेटों पर जड़ा ताला

संवाद सूत्र, नरवाना : धान की सरकारी खरीद कई दिन से जारी है, नरवाना की दोनों मंडियों सहित अन्य सब यार्डों में लगभग 4 लाख क्विंटल धान आ चुकी है। फिर भी धान की खरीद में तेजी लाने में सरकारी एजेंसियां कोताही बरतती नजर आती हैं। इससे किसानों को आए दिन नरवाना की मेला मंडी के गेटों पर ताला लगाने को मजबूर होना पड़ता है। मंडी के गेटों पर ताला लगने के बाद प्रशासन द्वारा आश्वासन देकर ताला तो खुलवा दिया जाता है और धान की खरीद में तेजी लाने की बात कही जाती है। लेकिन अगले दिन एजेंसियां प्रशासन के आदेशों को दरकिनार करती नजर आती हैं।

loksabha election banner

यही कारण है कि नरवाना की मेला मंडी और कपास मंडी में धान की आवक में तेजी होने के कारण धान मंडी से बाहर सड़क पर आ चुका है। मार्केट कमेटी सचिव जोगेंद्र सिंह एजेंसियों को बार-बार नोटिस देकर धान की खरीद और उठान में तेजी लाने के निर्देश देते हैं। उनके दिये गये नोटिसों का भी कोई एजेंसी पर फर्क नहीं पड़ता है। इससे किसानों को कई दिन तक मंडी में बैठकर धान बिकने का इंतजार करना पड़ता है। एसडीएम संजय बिश्नोई भी एजेंसियों को नरवाना की मंडियों में दो बोली करवाने के आदेश दे चुके हैं। एजेंसियां दो बोली शुरू तो कर देती हैं, लेकिन नाममात्र दुकानों पर जाकर ही धान की खरीद करती हैं। किसानों का कहना है कि मार्केट कमेटी अधिकारी, एजेसियां व मिलर्स की आपसी मिलीभगत से धान की खरीद में तेजी नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि धान नमी में पास भी हो जाती है, लेकिन उसमें कोई न कोई कमी निकालकर उसको रिजेक्ट कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि किसान कई दिन तक मंडी में बैठा रहता है, जिससे उसको मजबूर होकर औने-पौने दाम में एमएसपी रेट से कम में बेचकर घर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर मार्केट कमेटी अधिकारी चाहे, तो एजेंसियां धान की खरीद में तेजी ला सकती हैं।

नायब तहसीलदार, एसएचओ किसानों को मनाने के लिए पहुंचे

मेला मंडी के दोनों गेटों पर ताला लगने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन किसानों ने ताला खोलने से इनकार कर दिया और धरना पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों द्वारा न मानने पर नायब तहसीलदार वीरेंद्र कुमार और एसएचओ महेंद्र सिंह सचिव जोगेंद्र सिंह को साथ लेकर पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझाया कि धान की दो बोली करवाई जा रही है। परंतु किसानों ने कहा कि दो बोली तो हो रही है, परंतु वो भी केवल दिखाने के लिए हो रही है। नायब तहसीलदार वीरेंद्र कुमार ने कहा कि मंगलवार को सुबह 10 बजे से ही बोली शुरू करवा दी जायेगी। जिस पर किसान मान गये और उन्होंने लगभग 2 घंटे के बाद गेट का ताला खोल दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.