लोगों की हड़बड़ाहट से दोगुनी महंगी बिकी सब्जियां
सब्जी मंडी बंद होने की वीरवार दोपहर बाद उड़ी अफवाह का असर शुक्रवार सुबह भी देखा गया। सब्जी मंडी में सुबह छह बजे से ही लोगों की भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई थी।
जागरण संवाददाता, जींद : सब्जी मंडी बंद होने की वीरवार दोपहर बाद उड़ी अफवाह का असर शुक्रवार सुबह भी देखा गया। सब्जी मंडी में सुबह छह बजे से ही लोगों की भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई थी। दिन चढ़ने के साथ ही आठ बजे तक भीड़ बढ़ती रही। इसका सीधा असर सब्जियों के दामों पर रहा और मासाखोरों ने डेढ़ से दो गुणा महंगे दामों पर सब्जियां बेची। हालांकि मंडी में फसल लेकर आने वाले आम किसान को बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ।
सुबह के छह बजे ही मंडी में जाम जैसे हालात बनने शुरू हो गए थे। गांवों से दुकानदार गाड़ियां लेकर मंडी में पहुंच गए थे। शहर से भी लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। सात बजे तक आलम यह हो गया कि मंडी के दोनों गेटों पर जाम लग गया और दोपहिया वाहन भी अंदर लेकर जाने का रास्ता नहीं बचा। लोगों में आलू व प्याज की खरीद करने की होड़ ज्यादा रही। आलू की ढेरियां मिनटों में खत्म हो रही थी। हर आदमी कम से कम 10 या 20 किलो आलू जरूर खरीद रहा था। मासाखोर भी आढ़तियों से बार-बार बोरियां उठाकर ला रहे थे। कई मासाखोरों ने बताया कि ग्राहकों की नादानी पर तरस आ रहा है। मंडी में घोषणा करवा दी गई है, बावजूद इसके ज्यादा सब्जियां खरीदने की होड़ लगी हुई है। इस कारण दाम भी बढ़ गए हैं। वीरवार सुबह आलू 15 से 20 रुपये किलो बिक रहा था, लेकिन शुक्रवार सुबह वह 25 से 30 रुपये किलो तक बिका। इसी तरह प्याज वीरवार सुबह 20 रुपये किलो तक बिका था, शुक्रवार सुबह प्याज 30 से 35 रुपये किलो बिका। होलसेल के रेट भी छह बजे से 9 बजे तक हर घंटे बढ़ते रहे। हाल यह हो गया कि कई आढ़तियों की दुकानों से भी प्याज व आलू की सभी बोरियां उठ गई।
मैंने कम सब्जियां खरीदी, सभी ऐसा करें: गोयल
सुबह 7 बजे सब्जी खरीदने मंडी पहुंचे एडवोकेट सुरेश गोयल व उनकी पत्नी नीतू गोयल ने बताया कि उन्होंने दो-तीन दिन की सब्जियां ही खरीदी हैं। मंडी में देखा है कि लोग 10 से 15 किलो आलू व प्याज ले रहे हैं। इस तरह हड़बड़ाहट व अफरातफरी का माहौल बनाना ठीक नहीं है। इससे सब्जियां महंगी होंगी, जिसकी मार मध्यम व गरीब वर्ग पर पड़ेगी। लोग सामान्य रहने की कोशिश करें।
फोटो: 3
सरकार का साथ: अमरहेड़ी के किसान ने सामान्य भाव पर बेची सब्जियां
सब्जी मंडी में हर रोज सब्जियां लेकर आने वाले अमरहेड़ी के किसान हवा सिंह ने बताया कि कई मासाखोर दो से तीन गुना दाम पर सब्जियां बेच रहे हैं। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उसने अपनी सभी सब्जियां चप्पन कद्दू, स्ट्राबेरी, बथुआ, पुदीना, पालक, धनिया, चकुंदर, कच्ची हल्दी को सामान्य भाव पर ही बेचा है। आम आदमी की जेब पर डाका डालना ठीक नहीं है। मंडी हर रोज खुली रहेगी, इसलिए ज्यादा सब्जियों का घर पर स्टॉक करना ठीक नहीं है।
आलू व प्याज की ढेरियां मिनटों में खत्म
लोगों में आलू व प्याज खरीदने की होड़ लगी रही। ये दोनों ऐसी सब्जियां हैं, जिनका कई दिनों तक स्टॉक किया जा सकता है। रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण भी लोग घर से बाहर नहीं निकलेंगे, इसलिए भी ये सब्जियां ज्यादा बिकीं। दोनों सब्जियों की मिनटों में बोरियां खत्म होने लगी तो दाम भी हर घंटे बढ़ते रहे। आलू 25-30 रुपये किलो व प्याज 30-35 रुपये किलो तक बिका। गांवों के दुकानदार भी बड़ी संख्या में आलू-प्याज की बोरियां लेकर गए।
होलसेल में टमाटर 400 से 800 रुपये क्विंटल पहुंचा
आलू व प्याज के बाद टमाटर व मटर की भी खूब बिक्री हुई। होलसेल में टमाटर के रेट हर घंटे बढ़े। सुबह 6 बजे टमाटर होलसेल में 400 रुपये क्विंटल बिका, लेकिन साढ़े सात बजे उसके दाम 800 रुपये क्विटल तक पहुंच गए। फड़ पर भी टमाटर 25 से 35 रुपये किलो तक बिका। आढ़तियों ने बताया कि लोगों की हड़बड़ाहट के कारण ही सब्जियों के दाम बढ़े हैं। आम आदमी धैर्य का परिचय दे तो सब्जियों के दाम बढ़ने से रोका जा सकता है।