डीजी हेल्थ के आदेशों को नहीं मान रहे डॉक्टर, मेडिकल के लिए तीन माह से चक्कर काट रहे दिव्यांग
जागरण संवाददाता, जींद : तीन माह से दिव्यांग मेडिकल करवाने के लिए नागरिक अस्पताल के चक्कर क
जागरण संवाददाता, जींद : तीन माह से दिव्यांग मेडिकल करवाने के लिए नागरिक अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। वे हर बुधवार सुबह अस्पताल आते हैं। वहां तैनात कर्मचारी बताता है कि रोहतक से फिजिशियन और ईएनटी सर्जन दोपहर बाद आएंगे। तब तक कागजात जमा कराने की बात कहकर लाइन में लगा देता है। करीब तीन घंटे लाइन में खड़े रहते हैं। शाम को चार बजे सूचना मिलती है कि आज भी डॉक्टर नहीं आएंगे। मेडिकल के लिए अगले सप्ताह आना। यह दास्तान नागरिक अस्पताल में मेडिकल करवाने के लिए पहुंचे दिव्यांगों की है।
शहर के नागरिक अस्पताल में मेडिकल कराने के लिए बुधवार का दिन निर्धारित है। अस्पताल में ईएनटी सर्जन का पद लंबे समय से खाली है। जबकि जिले के एकमात्र फिजिशियन नरेश वर्मा जुलाना में कार्यरत है। निदेशालय ने करीब एक माह पहले उनकी मेडिकल करने की पॉवर छीन ली। जिसके बाद अस्पताल में मेडिकल नहीं हो पा रहा था। उनकी परेशानी को देखते हुए डीजी हेल्थ ने नवंबर माह में रोहतक के सिविल अस्पताल में कार्यरत फिजिशियन डॉ. कुणाल ठाकुर, ईएनटी सर्जन डॉ. सुरेंद्र कुमार की ड्यूटी लगाई थी। ड्यूटी लगने के बाद भी दोनों डॉक्टर मेडिकल करने के लिए जींद नहीं पहुंच रहे। दोनों से मांगा स्पष्टीकरण
सिविल सर्जन डॉ. संजय दहिया ने दोनों ही डॉक्टरों की ड्यूटी पर नहीं आने पर डीजी हेल्थ को पत्र लिखा। इसके बाद डीजी ने दोनों डॉक्टरों से स्पष्टीकरण भी मांगा। नोटिस देने के बाद बुधवार को फिजिशियन मेडिकल करने के लिए नहीं आए। जबकि ईएनटी सर्जन 2 बजे के बाद अस्पताल आए। फिजिशियन के नहीं पहुंचने व ईएनटी सर्जन के लेट पहुंचने के चलते काफी दिव्यांगों के मेडिकल नहीं हो पाए।
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हड्डी और आंखों के विशेषज्ञ ही पहुंचे
दिव्यांगों के मेडिकल करने के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ, आइ सर्जन, फिजिशियन और ईएनटी सर्जन की जरूरत पड़ती है। इन चारों डॉक्टरों की उपस्थिति के बिना मेडिकल सर्टिफिकेट जारी नहीं होता। बुधवार को केवल हड्डी रोग विशेषज्ञ, आइ सर्जन ही मेडिकल के लिए पहुंचे। जहां पर ईएनटी सर्जन की रिपोर्ट नहीं होने तक हड्डी रोग विशेषज्ञ भी हस्ताक्षर करने से मना करते रहे। हड्डी रोग विशेषज्ञों का कहना था कि जब तक ईएनटी की रिपोर्ट नहीं होगी तब तक वह हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं।
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77 लोगों ने मेडिकल के लिए कराया रजिस्ट्रेशन
पहले जहां तीन माह से सैकड़ों दिव्यांग मेडिकल का इंतजार कर रहे हैं, वहीं बुधवार को 77 नए दिव्यांगों ने मेडिकल करवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। दिव्यांगों का कहना है कि जब तक उनका मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बनेगा, तब तक उसकी न तो पेंशन बन रही है और न ही दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ ले पा रहे हैं।
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बोलते हैं, अगले बुधवार आना : सुमित
गांव लोहचब से मेडिकल कराने आए सुमित ने बताया कि टांग में कमजोरी होने के कारण उसने 11 जुलाई को मेडिकल करवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। मेडिकल लिए हर बुधवार को करीब वह नौ बजे अस्पताल में पहुंच जाता हूं। शाम को डॉक्टर नहीं होने की कहकर वापस भेज दिया जाता है। आज भी मेडिकल के लिए अगले सप्ताह आने के लिए कहा है। वह सही तरीके से चल भी नहीं पाता हूं, लेकिन डॉक्टर उनके दर्द को नहीं समझ रहे। चक्कर काटकर परेशान हुए : कर्मवीर
गांव गतौली निवासी कर्मवीर ने बताया कि उसका एक हाथ कटा हुआ है। उसने पेंशन बनवाने के लिए मेडिकल की जरूरत है। दो माह पहले उसने मेडिकल सर्टिफिकेट लगने के लिए कागजात जमा करवाए थे। हर सप्ताह वह मेडिकल करवाने के लिए बसों में किराया लगाकर आते हैं, लेकिन मेडिकल करने के लिए डॉक्टर ही नहीं आते है। मेडिकल के लिए चक्कर काटकर परेशान हो चुके हैं।
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दिव्यांगों का मेडिकल करने के लिए रोहतक के फिजिशियन व ईएनटी सर्जन की डीजी हेल्थ ने ड्यूटी लगाई हुई है। दोनों डॉक्टरों के नहीं आने के बारे में डीजी को अवगत करवा दिया है। दोनों ही डॉक्टर ने बुधवार को आने की कही थी, लेकिन फिर भी ड्यूटी पर नहीं आए। दोनों ही डॉक्टरों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. संजय दहिया, सिविल सर्जन जींद