Move to Jagran APP

दिव्यांग बोले: नियमों का पाठ मत पढ़ाओ, पहले हमारी समस्याएं दूर करो, अफसरों के छूटे पसीने

जागरण संवाददाता, जींद : केंद्र सरकार के हाल ही में लागू किए गए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 11:22 PM (IST)
दिव्यांग बोले: नियमों का पाठ मत पढ़ाओ, पहले हमारी समस्याएं दूर करो, अफसरों के छूटे पसीने
दिव्यांग बोले: नियमों का पाठ मत पढ़ाओ, पहले हमारी समस्याएं दूर करो, अफसरों के छूटे पसीने

जागरण संवाददाता, जींद :

loksabha election banner

केंद्र सरकार के हाल ही में लागू किए गए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की जानकारी देने के लिए डीआरडीए सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें जिलेभर से आए दिव्यांगों ने जमकर बवाल काटा। दिव्यांगों ने कहा कि उन्हें नियमों का पाठ न पढ़ाया जाए। सभी अधिकारी और नेता खोखली बातें करते हैं। उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए कोई गंभीर नहीं है। दिव्यांगों के तेवर देखकर अधिकारियों के भी पसीने छूटे रहे।

डीआरडीए सभागार में सेमिनार में दिव्यांग आयोग आयुक्त हरियाणा दिनेश शास्त्री ने माइक पर आकर नियमों की जानकारी देना शुरू ही किया। तभी दिव्यांग खड़े हो गए। कहने लगे पहले उनकी समस्याएं सुनो। इस पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी हक्के-बक्के रह गए। उन्हें लगा कि आयुक्त के सामने अब उनकी पोल खुल जाएगी। अधिकारियों ने मुश्किल से दिव्यांगों को यह कहकर चुप कराया कि सेमिनार के बाद सबकी समस्याएं भी सुनी जाएंगी। दिव्यांगों का गुस्सा देखकर आयुक्त दिनेश शास्त्री भी अपना संबोधन समाप्त करके उनके बीच में पहुंच गए। लेकिन दो-तीन समस्याएं सुनकर वे भी बाहर निकल गए। इससे सभी दिव्यांग भड़क गए और कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।

इसके बाद सभी दिव्यांगों ने विकलांग अधिकार मंच के बैनर तले एकजुट होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन दिव्यांगों का कहना था कि उन्हें यह कहकर बुलाया गया था कि नियमों की जानकारी देने के साथ उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान भी किया जाएगा। लेकिन यहां किसी ने भी उनकी समस्या नहीं सुनी। इसलिए ऐसे कार्यक्रम में आने का कोई फायदा नहीं है। जिलेभर से दिव्यांगों को बुलाकर उनकी तौहीन की गई है।

-------------------------

--सिफारिश वालों को देते हैं टोकन, बु¨कग वाले फोन रहते हैं बंद

दिव्यांगों ने आयुक्त को बताया कि नागरिक अस्तपाल में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए टोकन सिस्टम है। जिससे सभी परेशान हैं। एक बार में 60 टोकन बांटे जाते हैं, जिससे उन्हें टोकन नहीं मिलता है। अस्तपाल के अधिकारी सिफारिश वालों को टोकन दे देते हैं। अस्पताल प्रशासन ने दो फोन नंबर दिए हुए हैं, जिससे वह घर बैठे टोकन बुक करवा सकते हैं। लेकिन वह दोनों नंबर हमेशा बंद रहते हैं। इस शिकायत पर आयुक्त ने तुरंत सीएमओ को फोन करदिव्यांगों की समस्या दूर करने के लिए कहा।

-----------------

मूकबधिरों व आयुक्त के बीच नहीं बना तालमेल

बोलने व सुनने में असमर्थ मूकबधिर अपनी समस्या को लेकर आयुक्त के सामने पहुंचकर अपनी समस्या के बारे में बताने लगे तो आयुक्त कुछ नहीं समझ पाए। मूकबधिरों ने इशारों में आयुक्त से कहा कि लिखकर बताएं क्या पूछना चाहते हैं। आयुक्त ने उनसे पूछा कि तुम्हारे साथ कोई नहीं है, जो समझा सके। जब आयुक्त ने लिखना शुरू किया तो विभाग के अधिकारियों ने उनकी शिकायत लेकर वहां से हटा दिया। इन दिव्यांगों ने बताई पीड़ा

सीएम की घोषणा के बाद भी नहीं मिली स्कूटी

गांव कहसून से आए दिव्यांग आजाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एक साल पहले जींद के महिला कॉलेज में खुले दरबार में एक महीने में स्कूटी दिलवाने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला। इस वजह से मुझे अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी। जो रिक्शा मिली हुई है, उसमें दिक्कत होती है। वह स्कूटी के लिए कई बार चक्कर काट चुके हैं। आजाद, गांव कहसून, दिव्यांग

--------------------

बेटी की पेंशन के लिए काट रही चक्कर

दिव्यांग पिंकी की मां कृष्णा देवी ने बताया कि उसकी बेटी को एक साल से विकलांगता की पेंशन नहीं मिल रही है। हर बार उसको गोदी उठाकर कार्यालय में लाना पड़ता है। वह ठीक से खड़ी भी नहीं हो पाती है। हर बार अधिकारी आब्जेक्शन लगा देते हैं। एक साल से हो रहा है। सेमिनार में इसलिए आई थी कि उनकी समस्या समाधान हो जाएगा।

---------------------

एमपीलैंड के तहत मिले थे दो प्लास्टिक के हाथ

गांव दालमवाला से आए दिव्यांग जयपाल ने कहा कि एक हादसे में मेरे दोनों हाथ कट गए थे। सालभर पहले मुझे एमपीलैंड से प्लास्टिक के हाथ और 5 लाख रुपये की राशि भी मिली थी। वह कृत्रिम हाथ अगले ही दिन खराब हो गए थे। डाक्टरों ने उन्हें वापस भेजने के लिए बोल दिया था। एक साल बाद भी न तो मेरे हाथ आए हैं और ना ही मुझे रुपये मिले हैं।

-------------------

यह हैं दिव्यांगों की मांगें

--विकलांग अधिकार कानून 2016 हरियाणा में लागू किया जाए।

--कृत्रिम अंगों पर लगाई जाने वाली जीएसटी हटाई जाए।

--40 प्रतिशत से ऊपर के विकलांगों को बस रेल पास और 5 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाए।

--जिला स्तर पर मूकबधिर-ब्लाइंड और मंदबुद्धि विकलांगों के लिए स्कूल-कॉलेज खोले जाएं।

--पंचायत चुनाव में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।

--सभी विभागों में खाली पड़े विकलांगों के पदों को भरा जाए।

--मेडिकल प्रमाण पत्र बनाते समय पारदर्शिता लाई जाए।

--------------------- --नौकरियों में मिलेगा चार प्रतिशत आरक्षण

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को 3 की बजाय 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इस अधिनियम में 21 कैटेगिरियां बना दी गई हैं। नए एक्ट के तहत 6 से 18 वर्ष के दिव्यांग पढ़ाई के लिए किसी भी शिक्षण संस्थान में दाखिला ले सकते हैं।

दिनेश शास्त्री, आयुक्त, दिव्यांग आयोग

----------------

--हमारी कोई नहीं सुनता

ऐसे सेमिनारों में उनकी मांगों को लेकर तो कोई बात नहीं करता है। इसलिए हमने सेमिनार का बहिष्कार करने पर मजबूर होना पड़ा। ऐसे सेमिनारों में तो कई बार मांग पत्र दे चुके हैं। सरकार ने उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो वह हर मोर्चे पर सरकार का विरोध करेंगे।

ऋषिकेश राजली, प्रधान, विकलांग अधिकार मंच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.