जींद को इनेलो-कांग्रेस का नहीं, भाजपा का गढ़ बोलिए
जींद उपचुनाव के बाद लोकसभा चुनाव परिणाम ने जींद जिले से इनेलो-कांग्रेस का गढ़ होने का टैग हटा दिया है। जिले के पांचों हलकों जींद सफीदों जुलाना उचाना नरवाना से भाजपा प्रत्याशियों को जबर्दस्त जीत मिली है।
कर्मपाल गिल, जींद
जींद उपचुनाव के बाद लोकसभा चुनाव परिणाम ने जींद जिले से इनेलो-कांग्रेस का गढ़ होने का टैग हटा दिया है। जिले के पांचों हलकों जींद, सफीदों, जुलाना, उचाना, नरवाना से भाजपा प्रत्याशियों को जबर्दस्त जीत मिली है। यह पहला मौका है, जब जींद जिले की जनता ने बांगर की धरती पर कमल का फूल खिलाया है।
जींद जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर अभी तक इनेलो व कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। 2005 में चार सीटें कांग्रेस की झोली में आई थी तो सफीदों से बचन सिंह आर्य निर्दलीय जीते थे। 2009 के चुनाव में पांचों सीटों पर इनेलो प्रत्याशी विजयी हुए थी। 2014 में जींद, जुलाना व नरवाना में इनेलो जीती थी तो सफीदों में निर्दलीय जसबीर देशवाल को जीत मिली थी। जबकि उचाना कलां में पहली बार प्रेमलता ने कमल खिलाया था। इसी साल जनवरी में हुए उपचुनाव में जींद में डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने बड़ी जीत हासिल करके भाजपा को जींद में जीत दिलाई थी। मिढ़ा की जीत का असर इतना जबर्दस्त रहा कि पूरे प्रदेश में भाजपा के पक्ष में हवा बन गई और कांग्रेस कै हैवीवेट चेहरे रणदीप सुरजेवाला की करारी हार से प्रदेशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस हो गए। जींद की यह भाजपा के पक्ष में यह टर्निंग प्वाइंट रही। इससे प्रदेशभर में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की जीत का आधार तैयार हो गया। अब जींद, उचाना के अलावा नरवाना और जुलाना में भाजपा प्रत्याशियों को बढि़या लीड मिली है, जहां अभी इनेलो के विधायक हैं। हिसार लोकसभा में आने वाली उचाना विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह ने जजपा के दुष्यंत को 9177 वोटों से हराया। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में दुष्यंत को उचाना से 50987 लीड मिली थी। सिरसा लोकसभा में आने वाली नरवाना विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सुनीता दुग्गल ने कांग्रेस के डॉ. अशोक तंवर को करारी मात दी। सोनीपत लोकसभा में आने वाली जींद विधानसभा से रमेश कौशिक ने भूपेंद्र हुड्डा को 40523 से, जुलाना से 13410 से व सफीदों हलके से 45185 वोटों से हराया। खास बात यह रही कि जुलाना में भी कांग्रेस को कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। कुल मिलाकर जींद ने जींद की जनता को कांग्रेस व इनेलो से मोह छोड़कर अब भाजपा का कमल थाम लिया है। लोकसभा चुनाव की जीत का असर अब आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।