जल सेना की तरफ से डीएवी के छात्र व अध्यापकों को मिला निमंत्रण
जींद में भारतीय जल सेना के जंगी बेड़े के बड़े जहाज विक्रमादित्य से डीएवी पब्लिक स्कूल को निमंत्रण मिला है।
जागरण संवाददाता, जींद : भारतीय जल सेना के जंगी बेड़े के बड़े जहाज विक्रमादित्य से डीएवी पब्लिक स्कूल को निमंत्रण मिला है। जिसमें स्कूल के बच्चों और अध्यापकों को आइएनएस विक्रमादित्य पर ठहरने का आमंत्रण दिया गया है। इसका सभी प्रबंध जलसेना की तरफ से किया जाएगा। जहाज के कमांडिग आफिसर कैप्टन सीआर प्रवीण नायर ने यह निमंत्रण पत्र प्राचार्य डा. धर्मदेव विद्यार्थी को भेजा है। जिसमें स्कूल के द्वारा भेजे गए ग्रीटिग कार्ड और राखी प्राप्त करने पर जहाज के 1500 से भी अधिक सैनिकों द्वारा धन्यवाद किया गया है।
डा. धर्मदेव विद्यार्थी ने बताया कि पिछले 15 वर्षो से वे स्कूल के छात्रों द्वारा तैयार की गई राखियां व ग्रीटिग कार्ड सेना की अनेक टुकड़ियों को भेज रहे हैं। इस बार उन्होंने राखी के साथ-साथ मास्क भी भेजे हैं, जिससे अनेक कमांडिग अफसर डीएवी पब्लिक स्कूल जींद के बारे में जानने के इच्छुक रहते हैं व प्रति वर्ष प्रतीक्षा भी करते हैं। प्रत्येक कमांडिग अफसर की ओर से स्कूल को प्रशंसा पत्र भी दिए जाते हैं व अनेक कमांडिग अफसर स्मृति चिन्ह द्वारा भी स्कूल का सम्मान करते हैं।
आइएनएस विक्रमादित्य द्वारा स्कूल को पत्थर पर जहाज की बनाई हुई आकृति व हैंडलूम से तैयार जहाज की आकृतियां, आइएनएस विक्रमादित्य की आफिसर कैप और अन्य स्मृति चिन्ह भेजते हुए जलसेना के अधिकारियों ने स्कूल के प्रति अपना श्रद्धा और स्नेह भाव व्यक्त किया है।
नरवाना में 3121 पीआर धान की खरीद, मंडी में पहुंचे एसडीएम
नरवाना : एसडीएम डा. सुरेंद्र बैनीवाल ने मेला अनाज मंडी का दौरा किया और धान खरीद प्रक्रिया का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार उपमंडल की सभी मंडियों में धान खरीद का कार्य शुरू हो चुका है और अब तक 3 हजार 121 क्विंटल पीआर धान की खरीद की जा चुकी है। धान की खरीद सरकार द्वारा निर्धारित एक हजार 960 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए उपमंडल में धान की खरीद के लिए छह मंडियां निर्धारित की गई है। एसडीएम ने क्षेत्र के किसानों से अनुरोध किया कि वे भी अपनी धान अच्छी तरह से सुखाकर एवं सफाई करके ही मंडी में लाएं, ताकि नमी की मात्रा की वजह से धान बिक्री में किसानों को कोई परेशानी ना आए।