सीआरएसयू प्रतियोगी परीक्षाओं की कराएगा तैयारी, छात्रों से भरवाए जाएंगे फीडबैक फार्म
आइक्यूएसी की दो साल बाद हुई बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले जागरण संवाददाता जींद
आइक्यूएसी की दो साल बाद हुई बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले जागरण संवाददाता, जींद : चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आइक्यूएसी) की बैठक वीरवार को वीसी डा. रणपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई। कोरोना के चलते दो साल बाद हुई इस बैठक में विभिन्न एजेंडा पर चर्चा की गई। जिसमें फैसला लिया गया कि अनुबंधित शिक्षक स्टाफ को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि शोध कार्य के लिए दी जाएगी। विभाग का बाहरी आडिट तीन साल बाद कराने का सुझाव दिया गया। वीसी, रजिस्ट्रार, शिक्षक, विद्यार्थियों के लिए कोड आफ कंडक्ट लागू किए जाने का सुझाव दिया गया। विश्वविद्यालय में रोजगार संबंधित करियर ओरिएंटेड, वैल्यू ऐडेड कोर्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय में एलुमनाइ एसोसिएशन का रजिस्ट्रेशन जल्द किया जाना चाहिए। जिससे विश्वविद्यालय एलुमनाई अपना सहयोग विद्यार्थी और विभाग को दे सकेंगे। इस मौके पर रजिस्ट्रार प्रो. लवलीन मोहन,एमडीयू से प्रो. नरसिंहबंद, कुवि से डा. दिनेश कुमार, विशेष अतिथि एमएन कालेज शाहबाद के प्राचार्य डा. अशोक कुमार, जींद से भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा, सफीदों से पूर्व विधायक जसबीर देशवाल, प्रो. एसके सिन्हा सहित संबंधित सदस्य उपस्थित रहे।--------------
ये भी आए सुझाव
--जींद से भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने सुझाव दिया विश्वविद्यालय अपने प्रचार प्रसार के लिए जींद के प्रमुख मार्गों पर साइन बोर्ड लगवाए। जिससे लोगों की जागरूकता विश्वविद्यालय के प्रति बढ़ेगी। --सफीदों से पूर्व विधायक जसवीर देशवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय फीड के ऊपर शोध करें। जींद के आसपास बहुत से पोल्ट्री फार्म हैं और इस तरीके से फीड की न्यूट्रिशन वैल्यू को बढ़ाया जाए।
--नेशनल अवार्डी सुभाष ढिगाना ने कहा कि ग्राम स्तर पर विश्वविद्यालय को सामाजिक जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
--विश्वविद्यालय के सोशल आउटरीच प्रोग्राम भी बढ़ाए जाने चाहिएं, जिससे जन जागरूकता फैले। --विश्वविद्यालय स्तर पर रक्तदान योजना तैयार की जाएगी। जिससे विश्वविद्यालय में नियमित रूप से रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे।
--ईच वन टीच वन पोलिसी का सुझाव दिया गया, जिसमें विश्वविद्यालय से संबंधित विद्यार्थी ग्रामीण स्तर पर बच्चों की पढ़ाई और उनके विकास के लिए कार्य करेंगे। --वीसी डा. रणपाल सिंह ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए हरी झंडी दी। -- विश्वविद्यालय के एमओयू किए हुए संस्थानों के साथ हर सेमेस्टर में एक गतिविधि आयोजित की जाएगी। --नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रैंकिग फ्रेमवर्क भारत सरकार (एनआइआरएफ) के द्वारा संचालित संस्था में विश्वविद्यालय प्रतिभागिता करेगा। -- विश्वविद्यालय के पर्यावरण, ऊर्जा, और लिग आडिट के शोध कार्य पर चर्चा हुई।
--विश्वविद्यालय अपना न्यूजलेटर जल्दी निकालेगा, जिससे समय-समय पर विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों को समाज के बीच ले जाया जाएगा।-- विश्वविद्यालय में पीपीटी और सेमिनार पाठ्यक्रम में आयोजित किए जाएंगे। --विद्यार्थियों को इनोवेटिव आइडिया और स्वावलंबी बनाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर इनोवेशन पोलिसी तैयार की जाएगी। --विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताओं परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिग सेंटर तैयार किया जाएगा। --विश्वविद्यालय स्तर पर लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जाएगा। -- विश्वविद्यालय में आइक्यूएसी की सप्ताह में बैठक की जाएगी। -- विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) की ग्रेडिग के लिए नियम के अनुसार कमेटी गठित करेगा। ताकि बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके और नैक की ग्रेडिग हासिल कर पाए। --विश्वविद्यालय में स्टूडेंट फीडबैक फार्म भरवाए जाएंगे, जिससे विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार किया जा सकेगा। --विश्वविद्यालय में पाठ्यचर्या संवर्धन समिति विभाग स्तर पर बनाई जाएगी। -- विश्वविद्यालय में ट्रेनिग प्लेसमेंट पर जोर दिया। -- विश्वविद्यालय ने गोद लिए हुए पांच गांव में कार्यों को प्रगति देगा। --खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।