निर्माण मजदूरों ने डीसी कार्यालय पर किया हंगामा, पुलिस के साथ हुई हल्की झड़प
श्रम कल्याण बोर्ड से सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने बुधवार को डीसी कार्यालय में जमकर हंगामा किया।
जागरण संवाददाता, जींद : श्रम कल्याण बोर्ड से सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने बुधवार को डीसी कार्यालय में जमकर हंगामा किया। मजदूरों ने करीब दो घंटे तक लघु सचिवालय के मुख्य दरवाजे का घेराव किया। मजदूर प्रदर्शन करते हुए डीसी कार्यालय में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने दरवाजा बंद कर दिया। इस दौरान मजदूरों की पुलिस के साथ हल्की झड़प हो गई। बाद में अधिकारियों को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। मजदूरों का कहना है कि 90 दिन तक के कार्य की अधिकारी मंजूर करने से मना कर रहे है। इसके चलते मजदूर परेशान हो चुके हैं। इसलिए ऐसे अधिकारियों को डीसी तुरंत ही पत्र जारी करके उनके कार्यों को मंजूर करने के आदेश दे, लेकिन एक महीने बाद भी डीसी ने लेटर जारी नहीं किया। जिससे मजदूरों व कारीगरों में भारी रोष था। बाद में डीसी ने एक घंटे में उनका लेटर जारी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद मजदूर शांत हुए और लघु सचिवालय के गेट के बाहर से धरना समाप्त किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जिला प्रधान कश्मीर सिंह सेलवाल ने कहा कि मजदूरों की मांगों एवं समस्याओं के समाधान बारे व 90 दिन के काम की तसदीक बारे संबंधित अधिकारियों पत्र सौंपे जा चुके हैं। जिला प्रशासन लंबे समय से सरकार की सह पर निर्माण मजदूरों की मांगों एवं समस्याओं की अनदेखी कर रहा है जिस कारण इन मजदूरों में सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन के प्रति भी भारी रोष है। निर्माण मजदूर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह, भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा के राज्य अध्यक्ष देशराज ने कहा कि निर्माण मजदूरों की बेटियों की शादी को दो-दो, तीन-तीन साल होने के बाद भी कन्यादान का लाभ नहीं देती। सरकार 44 श्रम कानूनों को खत्म करके चार कोड में बदलकर पूंजीपति घरानों को लाभ पहुंचा रही है और श्रमिकों को गुलाम बनाने के लिए मजबूर कर रही हैं। वर्ष 2007 में बोर्ड के गठन के समय से ही निर्माण मजदूरों की मान्यता प्राप्त यूनियनों को मजदूर के पंजीकरण व नवीनीकरण करवाने के लिए एक वर्ष में 90 दिन के तसदीक करने की अर्थोटी थी। मगर भाजपा सरकार ने निर्माण के रूप में तसदीक करने की अर्थोटी को खत्म करके मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने का काम किया हैं और पंचायत सचिव, पटवारी सहित अन्य अधिकारियों को यह अधिकार दे दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी अधिकारी तसदीक करने के लिए तैयार नहीं हैं। जिसके चलते ना केवल निर्माण मजदूरों को दर दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं। इस अवसर पर बारू राम, संदीप दालमवाला, दीनदयाल, सुरेश करसोला, राधेश्याम, शिलक राम, विनोद पालवां, अंग्रेज, सतबीर, राजेश कुमार, पवन कुमार मौजूद थे।