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सर्वे के दौरान ही होता था स्वच्छता पर चर्चा, लॉकडाउन ने बदली सोच

पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। अभियान जोर-शोर से चलाया गया। अभियान का असर तो दिखा लेकिन बाधाएं भी बहुत आई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 09:30 AM (IST)
सर्वे के दौरान ही होता था स्वच्छता पर चर्चा, लॉकडाउन ने बदली सोच
सर्वे के दौरान ही होता था स्वच्छता पर चर्चा, लॉकडाउन ने बदली सोच

जागरण संवाददाता, जींद : पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। अभियान जोर-शोर से चलाया गया। अभियान का असर तो दिखा लेकिन बाधाएं भी बहुत आई। हर साल जनवरी में होने वाले स्वच्छता सर्वे के दौरान नगर परिषद एक्टिव नजर आती। लेकिन उसके बाद फिर सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर नजर आने लगते। पॉलीथिन हवा के साथ उड़ती रहती। वहीं लोग भी कहीं पर भी घर का कूड़ा फेंक कर चले जाते। मानो किसी की कोई जवाबदेही न हो। लेकिन लॉकडाउन ने सबका नजरिया ही बदल दिया। अब न तो सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर दिखाए देते हैं और न ही लोग दाएं-बाएं कूड़ा फेंक रहे हैं। लगभग पौने दो लाख आबादी के जींद शहर में प्रतिदिन करीब 80 टन कूड़ा निकलता था। अब 80 टन कूड़ा निकल रहा है। ठेकेदार के कर्मचारी डोर-टू-डोर घर से कूड़ा लेकर जाते हैं। पिछले कुछ सालों में गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग डालने पर जोर दिया जाता रहा। लेकिन अब उससे भी आगे बढ़ कर नगर परिषद की कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों में मेडिकल वेस्ट के लिए अलग से बैग रख दिए गए हैं। ताकि संक्रमण से बचाव हो सके। संक्रमण का खतरा तो पहले भी रहता था, लेकिन अब कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

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खुद की साफ-सफाई भी गंभीरता से लेने लगे

गलियों और सड़कों की सफाई की बातें तो होती थी। लेकिन सैनिटाइज करने की तो कल्पना भी नहीं की होगी। अब सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ लोग अपने घरों के खिड़की-दरवाजों को भी सैनिटाइज करने लगे हैं। जब बात खुद के शरीर की साफ-सफाई की आती थी, तो हम गंभीरता से नहीं लेते थे। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सही, लेकिन अब बच्चों से लेकर बड़ों की बार-बार सैनिटाइजर या साबुन से हाथ धोने की आदत बन गई। अब खाने-पीने की चीजें साफ-सुथरी हैं या नहीं, इसका भी ख्याल रखते हैं। घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क रखना भी आदतों में शामिल हो रहा है।

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नाली व सीवरों में कूड़ा डालना छोड़ा

नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक अशोक सैनी के अनुसार अब पहले की तरह गलियों में कूड़ा नहीं मिलता। नालियों और सीवरों में भी लोगों ने कूड़ा डालना छोड़ दिया है। डोर-टू-डोर आने वाली गाड़ी को लोग कूड़ा दे रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान काफी बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बनी आदत को बनाए रखने की जरूरत है। जिससे शहर को साफ-सुथरा रखने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।


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