नगर योजनाकार विभाग ने गतौली के गोविंद धाम पर कार्रवाई की
हरियाणा के अलावा दिल्ली तक चर्चित जैजैवंती गांव के पास रोहतक रोड पर बने गोविद धाम को शुक्रवार को प्रशासन ने ढहा दिया। इसके निर्माण के लिए सीएलयू नहीं लिया गया था। इस धाम में लोगों के हर तरह के संकट काटने का दावा किया जाता है। लेकिन शुक्रवार को खुद धाम पर आए संकट को नहीं टाल सके। तीन घंटे की मशक्कत के बाद प्रशासन ने दो एकड़ में बने गोविद धाम को ढहा दिया।
संवाद सूत्र, जुलाना : हरियाणा के अलावा दिल्ली तक चर्चित जैजैवंती गांव के पास रोहतक रोड पर बने गोविद धाम को शुक्रवार को प्रशासन ने ढहा दिया। इसके निर्माण के लिए सीएलयू नहीं लिया गया था। इस धाम में लोगों के हर तरह के संकट काटने का दावा किया जाता है। लेकिन शुक्रवार को खुद धाम पर आए संकट को नहीं टाल सके। तीन घंटे की मशक्कत के बाद प्रशासन ने दो एकड़ में बने गोविद धाम को ढहा दिया। जिला योजनाकार ललित कुमार, ड्यूटी मजिस्ट्रेट जुलाना के तहसीलदार शिव कुमार सैनी, थाना प्रभारी रामतीर्थ भारी पुलिस बल के साथ गोविद धाम को गिराने पहुंचे थे। खेती योग्य जमीन पर अवैध तरीके से भवन का निर्माण किया गया था। इसके लिए प्रशासन द्वारा कई बार जमीन के मालिक को सीएलयू लेने के लिए नोटिस भी दिए जा चुके थे। लेकिन वह उनकी अनदेखी करता रहा। 2018 में बनकर तैयार हुआ था गोविद धाम
25 दिसंबर 2016 को गांव गतौली के जसवंत ने जैजैवंती के पास जींद-रोहतक रोड पर गोविंद धाम बनाया था। इसकी नींव रोहतक के तत्कालीन सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रखी थी। भवन का निर्माण करीब डेढ़ साल तक चला। इस धाम को जसवंत का बेटा रणदीप चलाता है और हर महीने की पूर्णमासी को यहां सत्संग होता है। यहां आने वाले श्रद्धालु रणदीप को श्रीकृष्ण भगवान का अवतार मानते हैं। धीरे-धीरे हरियाणा के बाहर भी उनका प्रचार होने लगा और दिल्ली से भी काफी संख्या में लोग अपने संकट कटवाने के लिए यहां आने लगे। परिजनों के मना करने के बावजूद गिरा दी समाधि
प्रशासन द्वारा जिस समय धाम के भवन को गिराने की कार्रवाई की जा रही थी। उस समय धाम संचालक के माता-पिता मंच के पास अपने दूसरे बेटे की बनी समाधि को नहीं गिराने की गुहार लगा रहे थे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने भी समाधि नहीं गिराने के लिए कहा था। लेकिन उसके बावजूद डीटीपी के अधिकारी ने समाधि पर भी जेसीबी चलवा दी। इसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट शिव कुमार सैनी ने डीटीपी के जेई को फटकार लगाई। डीटीपी पर पैसे मांगने के लगाए आरोप
गोविद धाम के संचालक रणदीप ने कहा कि जब जिला योजनाकार ललित चंडीगढ़ में थे। उस समय भी डीटीपी ने रंजिश बरतते हुए उनके द्वारा सीएलयू को लेकर किए गए आवेदन को रद कर दिया था। अब जींद में भी रंजिशन ऐसा ही किया जा रहा है। जिस समय धाम का निर्माण हो रहा था उस समय प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई। रणदीप ने यह भी आरोप लगाए हैं कि डीटीपी ने उनसे 14 लाख रुपए मांगे थे, जिसमें से सात लाख रुपए दे दिए थे। गोविद धाम की जमीन की नहीं थी सीएलयू
गोविद धाम की जमीन के मालिक गांव गतौली निवासी जसवंत को जमीन की सीएलयू लेने के लिए कहा गया था। इस दौरान दो तीन बार जसवंत ने सीएलयू लेने के लिए आवेदन किया था। लेकिन किन्हीं कारणों से आवेदन रद्द हो गया था। ऐसे में इस जमीन का सीएलयू नहीं होने के कारण फाइनल नोटिस देने के बाद गोविद धाम के भवन को गिराया गया। रही बात 14 लाख रुपए की, तो उनके उपर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।
-ललित, जिला योजनाकार प्रशासन द्वारा गांव जैजैवंती के पास बने गोविद धाम को गिराने के आदेश दिए गए थे। जिसमें उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। उनकी उपस्थिति में गोविद धाम के भवन को गिराने का काम किया गया है।
-शिव कुमार सैनी, तहसीलदार, जुलाना