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किसानों को नहीं जुर्माने की परवाह, धड़ल्ले से जल रही पराली

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश में पराली जलाने पर पूरी तरह से बेन है, लेकिन किसानों पर इ

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 12:45 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 12:45 AM (IST)
किसानों को नहीं जुर्माने की परवाह, धड़ल्ले से जल रही पराली
किसानों को नहीं जुर्माने की परवाह, धड़ल्ले से जल रही पराली

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश में पराली जलाने पर पूरी तरह से बेन है, लेकिन किसानों पर इसका कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार द्वारा सख्ती अपनाने के बावजूद धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है। पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान है और निगरानी के लिए हर साल प्रशासन द्वारा ड्यूटियां लगाई जाती हैं। इसके बावजूद पराली जल रही है।

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इस समय पीआर धान की कटाई चल रही है, जिसकी ज्यादातर कटाई कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से होती है। मशीन से कटाई के बाद खेत में फसल अवशेष बच जाते हैं। इससे अगली फसल की बिजाई में दिक्कत आती है, जिसके चलते किसान जुर्माना लगने की परवाह न करते हुए इन फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। पिछले दो सालों में पराली के धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और आसमान में धुएं की चादर बिछ जाती है। प्रदेश सरकार ने इस बार कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में एसएमएस कृषि यंत्र लगवाना अनिवार्य किया है। इससे फसल अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है, जो खाद के रूप में प्रयोग होता है। सरकार ने एसएमएस कृषि यंत्र पर 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया। इसके बावजूद जिले में बगैर एसएमएस के मशीनों द्वारा धान की कटाई की जा रही है और फसल अवशेष जलाए जा रहे हैं।

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सख्ती बरतनी होगी

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. यशपाल मलिक के अनुसार किसान थोड़े से पैसे के लालच में बगैर एसएमएस लगी कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से धान कटवा रहे हैं और वे रात को फसल के अवशेष में आग लगा देते हैं। वह मानते हैं कि रात के अंधेरे में प्रशासन को पता नहीं लगेगा जबकि सेटेलाइट से 24 घंटे नजर रखी जा रही है। इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। पटवारी, ग्राम सचिव को अॅलाट किए गांव, पंचायतें देंगी ठीकरी पहरा

जींद : पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए डीसी अमित खत्री ने जिले के सभी गांवों में ग्राम सचिव व पटवारी के साथ-साथ कृषि विभाग के एडीओ की ड्यूटी लगाई है। ग्राम सचिव व पटवारी हर सर्कल कानूनगो को रिपोर्ट करेंगे। इसके बाद सर्कल कानूनगो संबंधित एसडीएम को रिपोर्ट देंगे। एसडीएम द्वारा ऐसे किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

डीसी ने सभी ग्राम पंचायतों को रात को ठीकरी पहरा देने के लिए ड्यूटियां लगाने के लिए कहा है। ये लोग सरपंच को हर रोज रिपोर्ट देंगे। ठीकरी पहरा नहीं लागू करने वाली ग्राम पंचायतों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ग्राम स्तर पर सेवारत कर्मियों को इस काम में पूरा सहयोग करने के लिए पाबंद किया है।

इतना लगेगा जुर्माना

कोई किसान दो एकड़ तक धान की पराली को पहली बार जलाते हुए पाया जाता है, तो उसे ढाई हजार रुपये का जुर्माना, दो से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये तथा पांच से अधिक एकड़ वाले किसान पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर जेल की सजा का भी प्रावधान है।


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