Move to Jagran APP

टक्कर होने से गाड़ी की उखड़ी छत, बाहर गिरने से बची साहिब की जान

तलौडा खेड़ी गांव के निकट ट्रॉला से टकराने वाली इनोवा कार में सवार 11 लोग हादसे में समय सो रहे थे जबकि चालक राजकुमार जाग रहा था। करीब सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही कार की ट्रॉली से टक्कर होते ही आगे का हिस्सा और आधा छत उखड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 07:20 AM (IST)
टक्कर होने से गाड़ी की उखड़ी छत, बाहर गिरने से बची साहिब की जान

जागरण संवाददाता, जींद : तलौडा खेड़ी गांव के निकट ट्रॉला से टकराने वाली इनोवा कार में सवार 11 लोग हादसे में समय सो रहे थे, जबकि चालक राजकुमार जाग रहा था। करीब सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही कार की ट्रॉली से टक्कर होते ही आगे का हिस्सा और आधा छत उखड़ गई। इसमें गाड़ी का चालक राजकुमार और परिचालक की सीट पर बैठा फिरोज गाड़ी में फंस गए, जबकि ड्राइवर के पीछे की सीट पर बैठा साहिब टक्कर होने से उखड़ी छत के साथ ही उछलकर सड़क पर गिर गया। उसकी एक बाजू में चोट आई। अगर वह गाड़ी में फंस जाता तो उसकी जान नहीं बचती है, जबकि चालक व परिचालक की सीट के साथ बीच की सीट पर बैठे सोनू, फिरोज, रेहान, मोइन और राजकुमार की मौत हो गई। सबसे पीछे की सीट पर बैठे जावेद, शौकीन, गौरव, मनीष और काकू को गंभीर चोट आई। घायल साहिब ने बताया कि गाड़ी में सवार सभी लोगों को सो रहे थे और जब हादसा हुआ उसी समय नींद खुली, लेकिन तब तक गाड़ी से उछलकर बाहर गिर चुका था। उसके शोर मचाने पर ढाबे पर मौजूद लोग मौके पर पहुंचे और गाड़ी में फंसे घायलों को बाहर निकाला। उन्हें जींद के नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन सोनू, रेहान, मोइन, राहुल और राजकुमार को उस समय बाहर नहीं निकाला जा सका। इसके कारण उनकी मौत हो गई।

loksabha election banner

-

दुकान खोलनी थी, इसलिए चले थे सुबह

घायल साहिब ने बताया कि बुधवार को ईद के चलते दुकान बंद थी, इसलिए बृहस्पतिवार सुबह दुकान खोलनी थी। उनके साथ गए कुछ युवक दुकानों पर नौकरी करते हैं और उन्हें भी ड्यूटी पर जाना था। वे टाइम पर पहुंच जाएं, इसलिए करीब ढाई बजे ही बनत गांव से चल पड़े थे। चालक को नींद न आए इसलिए सफीदों में एक ढाबे पर आकर सभी ने चाय भी पी थी। सफीदों से चलते ही गाड़ी में सवार अधिकतर लोग सो गए, जबकि चालक राजकुमार ही जाग रहा था।

----

हर साल ईद पर जाते थे शामली

मृतक सोनू के चाचा बबलू ने बताया कि सोनू और फिरोज करीब छह साल से सिरसा में पकड़े का कारोबार करते है। पहले वह फड़ी पर कपड़ा बेचते थे, लेकिन अब बांबे वाली गली में तीन कपड़े की दुकान कर ली है। कई वर्ष से मार्केट में काम करने से फिरोज और सोनू की मार्केट में दुकानों पर काम करने वाले युवकों से दोस्ती हो गई थी। इसलिए प्रत्येक वर्ष ईद पर सोनू और फिरोज के साथ कई दोस्त ईद मनाने के लिए गांव बनत जाते थे। इस ईद पर उनका ही दोस्त गाड़ी चालक राजकुमार, गौरव, मनीष, काकू और राहुल भी उनके साथ गए थे। यह युवक सभी हिदू धर्म से संबंध रखते थे। ये लोग जहां ईद को उनके साथ मनाते थे, जबकि फिरोज और सोनू दीपावली पर्व को उनके साथ मनाते थे। इसके कारण उनकी गहरी दोस्ती हो गई थी और सभी के पारिवारिक संबंध थे।

--

तीन बहनों की शादी की थी तैयारी, मौत का पता चलते ही पिता हुए बेसुध

हादसे में मरने वाले सोनू और फिरोज तीन भाई व तीन बहन हैं और अब तक किसी की शादी नहीं हुई थी। हादसे का पता चलते ही परिजन उनके पिता इरफान को लेकर जींद आ रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसे पता चल गया कि सोनू और फिरोज की मौत हो गई। इसके बाद इरफान की तबीयत बिगड़ गई और बेसुध हो गए। इसके बाद परिवार के लोग उसे बीच रास्ते ही वापस बनत ले गए। परिजनों ने बताया कि सोनू और फिरोज अपनी तीन बहनों की शादी करने की तैयारी में लगे हुए थे। वापस आने से पहले वह अपने पिता इरफान से बहनों की शादी के बारे में चर्चा कर आए थे और जल्द वापस आने की बात कही थी।

ट्रॉला चालक की तलाश जारी

जांच अधिकारी एएसआइ भगवत ने बताया कि हादसे के बाद ट्रॉले को कब्जे में ले लिया और चालक की तलाश की जा रही है। शवों का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.