परिवार पहचान पत्र के लिए लगेंगे कैंप
जींद मेरा परिवार-मेरी पहचान योजना के तहत परिवार पहचान-पत्र वितरण कार्यक्रम की मंगलवार को शुरुआत हो गई।
जागरण संवाददाता, जींद:
मेरा परिवार-मेरी पहचान योजना के तहत परिवार पहचान-पत्र वितरण कार्यक्रम की मंगलवार को शुरुआत हो गई। जिले में अब तक एक लाख 11 हजार परिवार पहचान-पत्र बनाए जा चुके हैं और इनका वितरण जारी है। इसके अलावा 26 से 29 अगस्त तक लगातार चार दिन शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर वार्ड वाईज विशेष कैम्प लगाए जाएंगे, जिसमें इस योजना से वंचित रहे परिवारों को भी जोड़ा जाएगा। जिले में परिवार पहचान पत्र बनाने व बांटने का काम तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा।
लघु सचिवालय में जिला स्तरीय कार्यक्रम में विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने परिवार पहचान पत्र वितरित कर इस योजना की शुरुआत की। इस मौके पर 30 लोगों को परिवार पहचान पत्र दिए गए। डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि परिवार पहचान-पत्र भविष्य में परिवार की सत्यापित पहचान होगी। इसके तहत प्रत्येक परिवार की मौलिक जानकारी का संग्रह डिजिटल रूप में किया जा रहा है, जो परिवार का एक प्रमाणित, सत्यापित तथा विश्वसनीय डाटा बेस विवरण होगा। डाटा बेस विवरण क ा कार्य पूरा होने पर योजना से पंजीकृत प्रत्येक परिवार स्वत: सरकार की योजनाओं एवं सेवाओं का लाभार्थी होगा। ऐसा होने पर पहचान-पत्र युक्त परिवार के किसी भी सदस्य को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही अपने दस्तावेज दोबारा सत्यापित करवाने होंगे। परिवार पहचान-पत्र अपने आप में संबंधित परिवार की स्थाई सत्यापित प्रति मानी जाएगी। कार्यक्रम में बीजेपी के जिला अध्यक्ष अमरपाल राणा, योजना अधिकारी जोगेंन्द्र सिंह,जिला सांख्यिकी अधिकारी विजय राठी, जिला रोजगार अधिकारी नृपेन्द्र सांगवान उपस्थित रहे। --अनियमितताओं पर लगेगा अंकुश: डा. मिढ़ा
जिले में योजना लांचिग करने के बाद विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने योजना को जन कल्याण की दिशा में प्रदेश सरकार की अनूठी पहल बताया। उन्होंने कहा कि ये पहचान-पत्र कई अनियमिताओं पर अंकुश लगाने में भी सहायक सूत्र होंगे। इससे सुशासन की परिकल्पना को और ठोस आधार मिलेगा। ये योजनाएं भी परिवार पहचान-पत्र से जुड़ेंगी
एडीसी डा. सत्येन्द्र दुहन ने बताया कि फिलहाल सरकार ने परिवार पहचान-पत्र पोर्टल से मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना तथा दिव्यांग पेंशन योजना को जोड़ा है। ऐसे असंगठित श्रमिक जो आबादी से दूर दराज क्षेत्रों में रह रहे हैं, उनको भी योजना से विशेष पंजीकरण करने के लिए मुहिम चलाई गई है। इन असंगठित श्रमिकों को मेरा परिवार-मेरी पहचान योजना के तहत पंजीकृत करने के साथ-साथ उनकी कार्यकुशलता एवं रोजगार की स्थिति का विवरण भी तैयार किया जाएगा ताकि उन्हें निपुणता के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा सके।