दरवाजे नहीं बदलने से दो साल से शिफ्टिग का इंतजार कर रहा ब्लड बैंक
नागरिक अस्पताल के नए भवन में दो साल बाद भी ब्लड बैंक शिफ्ट नहीं हो पाया जबकि पुराने भवन में चल रहे ब्लड बैंक को बंद करने के लिए मुख्यालय की तरफ से नोटिस जारी किया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, जींद : नागरिक अस्पताल के नए भवन में दो साल बाद भी ब्लड बैंक शिफ्ट नहीं हो पाया, जबकि पुराने भवन में चल रहे ब्लड बैंक को बंद करने के लिए मुख्यालय की तरफ से नोटिस जारी किया जा चुका है। नए भवन में बनाई गए भवन में ब्लड बैंक के नियमानुसार नहीं होने के कारण ड्रग एवं कास्मेटिक डिपार्टमेंट नए भवन के लिए लाइसेंस नहीं दे रहा है। जिले का एकमात्र ब्लड बैंक होने के कारण अस्पताल प्रशासन नोटिस देने के बावजूद भी उसके बंद नहीं कर पा रहा है। ब्लड बैंक को शिफ्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक साल पहले प्रयास किया गया, लेकिन इस दौरान ड्रग एवं कास्मेटिक डिपार्टमेंट अधिकारियों द्वारा मुआयना कर दरवाजे-खिड़की बदलने का ऑब्जेक्शन लगाया गया। यह ऑब्जेक्शन स्वास्थ्य विभाग डेढ़ साल साल बाद भी दूर नहीं कर पाया है। दरवाजे-खिड़की बदलने का काम लोक निर्माण विभाग द्वारा करना था, पहले लोक निर्माण विभाग जल्द ही बदलने का आश्वासन देता रहा, लेकिन अब बजट नहीं होने होने की बात कह रहा है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से करीब 12 रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन खिड़की व दरवाजे बदलने का काम शुरू नहीं किया जा रहा।
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पहले नहीं दिया ध्यान, अब बना मुसीबत
लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2017 में अस्पताल के नए भवन का निर्माण करके स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था। इस दौरान नए भवन के ग्राउंड फ्लोर पर ब्लड बैंक के लिए जगह निर्धारित की गई। नियमानुसार इसी दौरान पुरानी बिल्डिग से नई बिल्डिग में ब्लड बैंक शिफ्ट हो जाना चाहिए था, लेकिन ब्लड बैंक के लिए जो कमरे निर्धारित किए गए उसमें दरवाजे खिड़की लकड़ी के लगाए हुए हैं। जबकि खिड़की व दरवाजे लगाने के समय अस्पताल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और एल्युमिनियम के बजाए लकड़ी के लगा दिए। इस खामी का पता उस समय लगा जब ब्लड बैंक शिफ्ट करने के लिए जब ड्रग एवं कास्मेटिक डिपार्टमेंट की टीम ने दौरा किया तो इस पर आपत्ति जताई गई और इनको चेंज करने के बाद ही ब्लड बैंक के लिए लाइसेंस देने की बात कही गई। इसके बाद भी खिड़की दरवाजे नहीं बदले गए।
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बहुत कम जगह पर चल रहा ब्लड बैंक
नागरिक अस्पताल में चल रहा ब्लड बैंक जिले का एकमात्र ब्लड बैंक है, लेकिन जगह ब्लड बैंक के लिए पर्याप्त नहीं है। ब्लड की जांच के लिए मशीनों की जरूरत होती है, लेकिन जगह कम होने के कारण उनको लगाया नहीं जा रहा है और वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है।
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पीडब्ल्यूडी करेगा दरवाजे बदलने का काम
नागरिक अस्पताल के एमएस डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि ब्लड बैंक के लिए ड्रग एवं कास्मेटिक डिपार्टमेंट द्वारा लाइसेंस दिया जाता है। डिपार्टमेंट की टीम इस दौरान मौके का मुआयना करती है और प्रत्येक चीज की बारीकी से जांच की जाती है कि उपरोक्त जगह ब्लड बैंक के लिए सही है या नहीं। किसी प्रकार के संक्रमण आदि से बचने के लिए ब्लड बैंक में खिड़की व दरवाजों का एल्युमिनियम व शीशे का होना जरूरी है। भवन में लगे लकड़ी के दरवाजों को बदलने के लिए लोक निर्माण विभाग को रिमाइंडर लिखे जा चुके हैं, लेकिन उनको बदला नहीं जा रहा।
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