आसमान से बरस रही आग, हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ा
आसमान से बरस रही आग और गर्म हवा के थपेड़ों ने शरीर को झुलसाकर रख दिया है। बुधवार को तापमान 45 डिग्री पर पहुंच गया। अगले तीन दिन बाद तापमान में गिरावट की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, जींद : आसमान से बरस रही आग और गर्म हवा के थपेड़ों ने शरीर को झुलसाकर रख दिया है। बुधवार को तापमान 45 डिग्री पर पहुंच गया। अगले तीन दिन बाद तापमान में गिरावट की उम्मीद है। तापमान बढ़ने के साथ अब हीट स्ट्रोक का खतरा होने लगा है। गर्मी के कारण अस्पतालों में उल्टी-दस्त के मरीजों की तादात बढ़ गई है। गर्मी से बचने के लिए लोग घरों में कैद हो गए हैं। कूलर, एसी और पंखे के जरिये गर्मी से बचने का प्रयास किया जा रहा है। बुधवार को सूरज निकलने के बाद आठ बजे से गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। तापमान 45 डिग्री से ऊपर पहुंचने और न्यूनतम तापमान के 29 पर आ जाने से पूरा वातावरण गर्म हो चुका है। तेज धूप के कारण लोगों को जहां दिक्कतें हो रही हैं, जबकि हर पल बढ़ रहा पारा बच्चों के लिए परेशानी खड़ा कर रहा है। बच्चे ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग सहित हर उम्र के लोग अलग-अलग प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को
सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान का कहना है कि इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है। बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए। खाली पेट न निकलें। खासकर बच्चों को ये सलाह दी है कि वे धूप में पानी से ना खेलें। ज्यादा से ज्यादा वक्त घर के भीतर ही रहें। किसी भी उम्र की महिला या पुरुष, जबतक जरूरी काम न हो घर से ना निकलें। यदि निकलना आवश्यक हुआ तो भी खाली पेट भूलकर भी घर से बाहर न निकलें। नमक, चीनी व पानी के घोल व ओआरएस का घोल, छाछ के अलावा दूसरे तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। भोजन में सलाद की मात्रा बढ़ा लें। एसी से निकलते ही अचानक धूप में न निकले और बॉडी को नॉर्मल तापमान पर लाने के बाद ही धूप का सामना करें, अन्यथा हीट स्ट्रोक का खतरा है।
हीट स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण
बहुत तेज सिरदर्द, चक्कर आना और सर घूमना, गर्मी के बावजूद पसीना न आना, लाल-गर्म और सूखी स्कीन, मांसपेशियों में कमजोरी लगना या ऐंठन का अनुभव, उल्टी, धड़कन का तेज होना, सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और बेचैनी, दौरे आना, बेहोशी की हालत।
ऐसे करें बचाव
--हीट स्ट्रोक से प्रभावित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाएं।
-जब तक चिकित्सा सहायता नहीं मिलता तब तक ठंडी जगह में रखें।
-पानी व दूसरे पेय पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करे
-धीरे-धीरे शरीर को बर्फ के पैक से ठंडा करें, ठंडा स्प्रे करें या ठंडे पानी से स्पंज करें।
-एक्सरसाइज करने से पहले और बाद पानी जरूर पीएं। फल के जूस और पानी मिलाकर कम से कम 8 ग्लास तरल पदार्थ प्रतिदिन लें।
-हल्का तरल पौष्टिक भोजन खाएं। खाने में ककड़ी, तरबूज, नारियल, बेल को शामिल करें।
- हल्के रंग के और ढीले सूती कपड़े पहनें।
-छाता या टोपी का उपयोग करे और दिन में 12 से चार बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।