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काले रंग की पट्टी बांध 150 ट्रैक्टरों के साथ भाकियू ने निकाली ट्रैक्टर किसान क्रांति यात्रा

भारतीय किसान यूनियन ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने और उससे कम मूल्य पर खरीद करने वाले के खिलाफ दंड का प्रावधान करने खराब हुई कपास की फसल स्पेशल गिरदावरी कराने व अन्य मांगों को लेकर ट्रैक्टरों के साथ किसान क्रांति यात्रा निकाली।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:30 AM (IST)
काले रंग की पट्टी बांध 150 ट्रैक्टरों के साथ भाकियू ने निकाली ट्रैक्टर किसान क्रांति यात्रा
काले रंग की पट्टी बांध 150 ट्रैक्टरों के साथ भाकियू ने निकाली ट्रैक्टर किसान क्रांति यात्रा

जागरण संवाददाता, जींद : भारतीय किसान यूनियन ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने और उससे कम मूल्य पर खरीद करने वाले के खिलाफ दंड का प्रावधान करने, खराब हुई कपास की फसल स्पेशल गिरदावरी कराने व अन्य मांगों को लेकर ट्रैक्टरों के साथ किसान क्रांति यात्रा निकाली। जिसमें करीब 150 ट्रैक्टर शामिल रहे। इस दौरान किसानों ने काले रंग की पट्टी बांध कर अपना रोष व्यक्त किया। किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर किसान क्रांति यात्रा से शहर में जाम की स्थिति रही। लघु सचिवालय के बाहर किसान नेताओं ने डीसी डा. आदित्य दहिया को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इस दौरान किसान नेताओं ने डीसी से पराली प्रबंधन की उचित व्यवस्था की मांग करते हुए कहा कि प्रशासन पराली जलाने किसानों पर जुर्माना लगा रहा है और मामले दर्ज कराए जा रहे हैं। लेकिन पराली की खरीद या उसके प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं की गई। अगर जल्द पराली का सही से प्रबंधन नहीं होता है, तो किसान पराली को सड़कों पर और डीसी व अन्य अधिकारियों के कार्यालयों के सामने डाल कर जाएंगे। किसान क्रांति यात्रा से पहले किसान गांव रामराये में एकत्रित हुए और रोष सभा की। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि भाकियू ने पांच अक्टूबर को हिसार में प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत की थी। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की गई थी। इन कानूनों के लागू होने से किसानों के हित सुरक्षित नहीं रहेंगे। नए कानूनों से अनाज मंडी व मोल भाव तथा फसलों के भुगतान की मौजूदा स्थिति पर खतरा मंडराने की स्थिति की शुरूआत हो चुकी है। सरकार सीधे तौर पर किसानों को निजी कंपनियों के हवाले कर रही है। इसलिए ये किसान क्रांति यात्रा निकाली गई है, ताकि सरकार को जगाने का प्रयास किया जा सके। किसान नेताओं ने कहा कि तीन कानूनों पर बने भ्रम को लेकर खुली चर्चाएं करवाई जाएं। जिसमें किसानों सहित हर वर्ग को शामिल किया जाए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। इस मौके पर छज्जूराम कंडेला, रामफल, जयबीर, राममेहर, रामफल, तेलू, अनिल पोंकरी खेड़ी, बिद्र, मोहित, नरेश, सुरेंद्र, रामराजी ढुल, सुनील मौजूद रहे। किसानों की मुख्य मांगें

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-समर्थन मूल्य पर खरीद गारंटी का तथा फसल के बिक्री भुगतान को सुनिश्चित करने का कानून बनाया जाए। समर्थन मूल्य से कम खरीद करने वाले के खिलाफ भी कड़े दंड का प्रावधान किया जाए।

-सफेद मक्खी और गुलाबी सुंडी से खराब हुई कपास की फसल की स्पेशल गिरदावरी करके किसानों को मुआवजा दिया जाए।

-फसलों की खरीद पूरी उत्पाद के हिसाब से एमएसपी रेट पर की जाए।

-बीज निर्माता कंपनियों द्वारा प्रति एकड़ फसल उत्पादन के किए जाने वाले दावे के मुताबिक फसल की 100 प्रतिशत फसल गारंटी भी दी जाए।

मेडिकल कालेज बनाने पर भाकियू ने दिसंबर तक का दिया अल्टीमेटम

हैबतपुर गांव में मेडिकल कालेज बनाने की सीएम मनोहर लाल ने दिसंबर 2014 में घोषणा की थी। हैबतपुर गांव की पंचायत ने इसके लिए साढ़े 24 एकड़ जमीन सरकार को दी है। लेकिन करीब छह साल बाद भी यहां केवल चहारदीवारी ही बनी है। अब तक मेडिकल कालेज के निर्माण के लिए टेंडर भी नहीं लगाए जा सके हैं। भाकियू ने सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि अगर दिसंबर तक निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो भाकियू उस जमीन पर खेती शुरू करेगी।

गोहाना रोड पर ट्रैफिक किया डायवर्ट

प्रदर्शन में करीब 150 ट्रैक्टरों के शामिल होने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने गोहाना रोड पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर अर्बन एस्टेट से सफीदों रोड की तरफ से निकाल दिया। ताकि जाम ना लगे। जहां से किसान क्रांति यात्रा निकली, वहां पुलिस तैनात रही। वहीं डीसी भी किसानों से ज्ञापन लेने के लिए लघु सचिवालय के बाहर गोहाना रोड पर पहुंच गए। यहां डीसी ने किसानों की मांगें सुनते खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी करने, मंडियों में उचित व्यवस्था बनाने के लिए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।


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