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दो विभागों में उलझी एकलव्य स्टेडियम की व्यवस्था, खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रही सुविधा

उद्घाटन के दो साल बाद भी एकलव्य स्टेडियम खेल विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाया है और दो विभागों में स्टेडियम की व्यवस्था उलझ गई है। खेल विभाग ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल नेशनल कबड्डी प्रतियोगिता कराने के लिए स्टेडियम की बिल्डिग एक साल के लिए ले ली है जबकि ग्राउंड नहीं लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 09:16 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 09:16 AM (IST)
दो विभागों में उलझी एकलव्य स्टेडियम की व्यवस्था, खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रही सुविधा
दो विभागों में उलझी एकलव्य स्टेडियम की व्यवस्था, खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रही सुविधा

जागरण संवाददाता, जींद : उद्घाटन के दो साल बाद भी एकलव्य स्टेडियम खेल विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाया है और दो विभागों में स्टेडियम की व्यवस्था उलझ गई है। खेल विभाग ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल नेशनल कबड्डी प्रतियोगिता कराने के लिए स्टेडियम की बिल्डिग एक साल के लिए ले ली है, जबकि ग्राउंड नहीं लिया है। खेल विभाग ने नए स्टेडियम के भवन में अपने कार्यालय को शिफ्ट किए हुए भी करीब छह माह बीत चुके हैं, लेकिन अब भी ग्राउंड को अपने दायरे में नहीं ले रहा है। खेल विभाग के ग्राउंड न लेने पर खिलाड़ियों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है और खिलाड़ी विभाग की तरफ से स्टेडियम में मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। हालांकि हुडा स्टेडियम हैंडओवर कराने के लिए खेल विभाग को कई बार पत्र भी भेज चुका हैं। अब हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि दोनों ही विभाग स्टेडियम की जिम्मेदारी लेने से हाथ खड़े कर रहे हैं। जहां खेल विभाग स्टेडियम की देखरेख के लिए बजट न होने की बात कहकर हैंडओवर नहीं कर रहा है, जबकि हुडा के अधिकारियों का कहना है कि उनका जिम्मा स्टेडियम को तैयार करने था, जो उन्होंने तीन साल पहले ही पूरा कर दिया था और दो साल पहले स्टेडियम का उद्घाटन भी सीएम मनोहरलाल के हाथों करा दिया है और अब इस स्टेडियम का उपयोग खेल विभाग को करना है, इसलिए अब इसकी व्यवस्था देखने का जिम्मा उसका है।

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21 लाख के बिल की नहीं ले रहा कोई जिम्मेदारी

हुडा और खेल विभाग की खींचतान में उलझे एकलव्य स्टेडियम का एक सप्ताह पहले बिजली निगम ने कनेक्शन काट दिया है और इससे स्टेडियम में रात में अंधेरा रहता है। स्टेडियम के निर्माण से लेकर अब तक बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया गया है और बिजली निगम का करीब 21 लाख रुपये का बिल बकाया पड़ा है। इतनी मोटी राशि की जिम्मेदारी लेने के लिए दोनों ही विभाग पीछे हट रहे हैं। खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे स्टेडियम में बने कार्यालय के बिल के भुगताने की ही जिम्मेदारी बनती है और स्टेडियम के ग्राउंड में लगी लाइट के बिलों का भुगतान तो हुडा को करना होगा, क्योंकि ग्राउंड को अभी तक उन्होंने हैंडओवर ही नहीं किया है और यह बिल उस समय का जब हुडा इसका निर्माण कर रहा है। जबकि हुडा का कहना है कि इस बिल का भुगतान तो खेल विभाग ने अपने बजट से करना चाहिए, लेकिन दोनों विभाग की इस खींचतान में खिलाड़ियों की प्रेक्टिस प्रभावित हो रही है, क्योंकि देर शाम और सुबह खिलाड़ी अंधेरे में यहां पर प्रेक्टिस नहीं कर पाते।

सात साल पहले हुई थी घोषणा

एकलव्य स्टेडियम की तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 3 जून, 2012 को जींद में रैली के दौरान सफीदों रोड स्थित हुडा सेक्टर नौ में करीब 20 एकड़ जमीन में अत्याधुनिक स्पो‌र्ट्स काप्लेक्स बनाने की घोषणा की थी। उसके बाद हुडा ने करीब 12.5 करोड़ खर्च कर वर्ष 2015 में स्टेडियम बना दिया था। निर्माण के लगभग साल बाद रैली में सीएम मनोहरलाल ने स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स का नामकरण कर एकलव्य स्टेडियम रखा था। इसके बाद मई, 2017 को सीएम मनोहरलाल ने दो दिवसीय दौरे पर एकलव्य स्पो‌र्ट्स स्टेडियम का उद्घाटन भी किया था।

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एक साथ हो सकते कई खेल

एकलव्य स्टेडियम को अत्याधुनिक तकनीक से बनाया है। इस स्टेडियम में एक समय में कई खेल कराए जा सकते हैं। लाइट की बेहतरीन सुविधा है, लेकिन कनेक्शन कटने के कारण अब लाइट जल नहीं रही है। आधुनिक पवेलियन और ट्रैक बना है। इसके स्टेडियम में लॉन टेनिस, एथलेटिक्स, हैंडबॉल, खो-खो, फुटबॉल, कबड्डी, कुश्ती अन्य कई खेलों के मैदान हैं। इसमें लगभग 15 हजार दर्शकों के बैठकर मैच देखने की सुविधा है।

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खिलाड़ी अंकित चहल ने कहा कि सुबह-शाम स्टेडियम में प्रेक्टिस करने के लिए आते हैं। एक सप्ताह से स्टेडियम में लाइट नहीं जलती है और अंधेरा प्रेक्टिस करना पड़ रहा है। इससे उन्हें दिक्कत हो रही और चोट लगने का डर बना रहता है।

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खिलाड़ी अंकित नेहरा ने कहा कि स्टेडियम तो शानदार बनाया हुआ है और भवन के तौर पर सुविधा भी सभी दी गई है, लेकिन खिलाड़ियों को पीने का पानी नहीं मिल पाता। खिलाड़ियों को अपने घर से साथ में पानी लेकर आना पड़ता है।

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स्टेडियम को हैंडओवर करने का निर्णय मुख्यालय को लेना है। इसके बारे में विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया दिया गया है। बिजली के बिल के बारे में खेल विभाग के साथ हुडा को भी अवगत कराया है।

विनोद बाला, जिला खेल एंव कार्यक्रम अधिकारी जींद।


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