अंशु मलिक ने सीनियर एशियन रेसलिग चैंपियनशिप में जीता ब्रांज मेडल
गांव निडानी के भाई सुरेंद्र सिंह मलिक मेमोरियल खेल स्कूल की रेसलर 18 वर्षीय अंशु मलिक ने दिल्ली में चल रही सीनियर एशियन रेसलिग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर ओलंपिक के लिए होने वाली ट्रायल का रास्ता साफ कर लिया हैं। यह ट्रायल 30 अप्रैल से सर्बिया में आयोजित की जानी हैं।
संवाद सूत्र, जुलाना : गांव निडानी के भाई सुरेंद्र सिंह मलिक मेमोरियल खेल स्कूल की रेसलर 18 वर्षीय अंशु मलिक ने दिल्ली में चल रही सीनियर एशियन रेसलिग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर ओलंपिक के लिए होने वाली ट्रायल का रास्ता साफ कर लिया हैं। यह ट्रायल 30 अप्रैल से सर्बिया में आयोजित की जानी हैं। दिल्ली में चल रही एशियन सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप में अंशु मलिक ने प्रारंभिक मैच किर्गिस्तान की पहलवान को टेक्निकल सुपीरियोरिटी के आधार पर हराया। उसके बाद जापान पहलवान से हारने के बाद उसे ब्रांज मेडल में ही संतुष्ट रहना पड़ा। अंशु मलिक की उम्र 18 वर्ष हैं तथा सीनियर स्तर पर यह उसकी पहली ही चैंपियनशिप थी। जिसमें उसने मेडल हासिल कर लिया हैं। अंशु मलिक का कहना है कि उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं था, परंतु पाने के लिए सब कुछ था। अंशु ने कहा कि आज मुझे पता चल गया हैं कि मैं कहां खड़ी हूं तथा इतनी छोटी उम्र में सभी सीनियर व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पहलवानों के साथ कुश्ती के बाद मुझे लगा कि इस अनुभव से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला हैं। यह सब ओलंपिक के लिए होने वाली ट्रायल में बहुत मदद करेगा। वहीं प्राचार्य राजवंती मलिक जो अंशु की ताई भी हैं उन्होंने बताया कि अंशु न केवल कुश्ती में विद्यालय की स्टार रेसलर हैं बल्कि शैक्षणिक उपलब्धि के रूप में भी उसने अपनी प्रवर बुद्धि के कारण ही गत वर्ष 12वीं की परीक्षा में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की मेरिट सूची में स्थान बनाया था। वहीं विद्यालय संरक्षक डा. महेंद्र सिंह मलिक और चेयरपर्सन कृष्णा मलिक ने विजेता पहलवान, प्राचार्या राजवंती मलिक व प्रशिक्षक जगदीश एवं राजेश को बधाई दी।