होम लोन पर 3.5 लाख तक ब्याज पर टैक्स छूट से खुशी, तेल के दाम बढ़ने से नाराजगी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में आम वेतनभोगी तबके को इनकम टैक्स के मामले में कोई नई राहत नहीं दी।
जागरण संवाददाता, जींद : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में आम वेतनभोगी तबके को इनकम टैक्स के मामले में कोई नई राहत नहीं दी। सिर्फ अंतरिम बजट में की गई घोषणा को दोहराते हुए पांच लाख रुपये तक सालाना टैक्सेबल इनकम वालों को टैक्स छूट जारी रखी है। लेकिन नौकरीपेशा लोगों को राहत देते हुए 45 लाख रुपये तक का मकान खरीदने के लिए 31 मार्च 2020 तक लिए जाने वाले होम लोन पर ब्याज में डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट देने की भी घोषणा की। यानी अब होम लोन के 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। अभी होम लोन के दो लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर छूट दी जाती है। इससे नौकरीपेशा लोगों में थोड़ी खुशी है। वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की, लेकिन जीरो बजट फार्मिं को बढ़ावा देने की बात जरूर कही। सीतारमण ने कहा कि कुछ राज्यों में प्रयोग के तौर पर ऐसी खेती की जा रही है लेकिन पूरे देश में इसे प्रसारित करने का लक्ष्य रखा गया है। किसान नेता टेकराम कंडेला ने कहा कि इससे किसानों की लागत कम होगी और कमाई बढ़ जाएगी। इसके तहत रासायनिक उर्वरकों की जगह पर गाय के गोबर, गौ मूत्र और अन्य वेस्ट का उपयोग किया जाएगा।
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बजट से विकास को मिलेगी गति: परमेंद्र सिंह
भाजपा नेता चौधरी परमेंद्र सिंह ने कहा कि यह बजट भारत के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए सभी वर्गों का ध्यान रखा है। बजट में पहली बार 10 विशेष लक्ष्य रखे गए हैं, यह शानदार पहल है। सरकार ने मध्यम वर्ग का ध्यान रखते हुए किसी नए टैक्स का प्रावधान नहीं किया है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 80 हजार करोड़ के विशेष प्रावधान की प्रशंसा करते हुए कहा कि नई बनने वाली सवा लाख किलोमीटर सड़कों से देश के ग्रामीण क्षेत्र की शहरी क्षेत्र से कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
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गरीब आदमी पर मार है बजट: भारद्वाज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुबीर भारद्वाज ने कहा कि देश में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या का जिक्र बजट में नहीं किया गया। चुनाव से पहले भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था, लेकिन सरकार ने कोई मजबूत कदम नहीं उठाया जिससे रोजगार में बढ़ोतरी की जा सके। अंतरिम बजट में करदाताओं के लिए सीमा बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन इस बजट में वेतनभोगी श्रेणी के लिए कोई ऐलान नहीं किया गया। तेल भी महंगा कर दिया। पिछले साल में जितने भी चुनाव हुए हैं, उनसे पहले पेट्रोल-डीजल सस्ता किया गया और चुनाव परिणाम आते ही रातों-रात तेल के दाम बढ़ा दिए गए। यह बजट गरीब विरोधी है।
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किसानों के लिए लाभकारी है बजट: कंडेला
हरियाणा राज्य सहकारी श्रम एवं निर्माण प्रसंघ के चेयरमैन टेकराम कंडेला ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसान, गरीब व आम आदमी के हितों को ध्यान में रखा है। कंडेला ने कहा कि बजट में एग्रीकल्चर इंफ्रस्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर निवेश करने, अगले 5 वर्षों में 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाने, डेयरी कार्यों को बढ़ावा देने, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जीरो बजट फार्मिंग को बढ़ावा देने की घोषणाएं किसान व गरीब हितैषी नीतियों को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
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--इनकम टैक्स स्लैब न बढ़ने से कर्मचारी निराश
सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामफल दलाल व अध्यापक संघ के जिला प्रधान साधुराम ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए केंद्रीय बजट से कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी है। कर्मचारी लंबे समय से इनकम टैक्स स्लैब बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन स्लैब ने बढ़ने से उन्हें घोर निराशा हुई है। सोने के साथ-साथ पेट्रोल डीजल की कीमतों में क्रमश: 2.50 व 2.30 रुपये बढ़ोतरी करने से आम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा। बीमा, रेलवे, एयरलाइन और मीडिया में 100त्न एफडीआइ को मंजूरी दिया जाना तथा सरकारी विभागों को बेचकर एक लाख करोड़ तक का विनिवेश प्राप्त करने का लक्ष्य स्पष्ट जाहिर करता है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार अपने सरकारी विभागों का बड़ी तेजी से निजीकरण करेगी। जिससे रोजगार खत्म होगा। नौजवानों को रोजगार के लाले पड़ेंगे और लगे हुए कर्मचारियों को जबरदस्ती वीआरएस के नाम पर रिटायर किया जाएगा। इसलिए इस बजट से आम कर्मचारी को पूरी तरह निराशा हाथ लगी है।