69 प्रतिशत बच्चों को खिलाई एल्बेंडाजोल
जिले के सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले एक साल से 19 साल तक के बचों को एनडीडी कार्यक्रम के तहत एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले के सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले एक साल से 19 साल तक के बच्चों को एनडीडी कार्यक्रम के तहत एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई। डिफैंस कॉलोनी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से एनडीसी कार्यक्रम की शुरूआत की गई। सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान के निर्देश पर स्कूल हेल्थ के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अजय चालिया, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नवनीत और आरकेएसके की डीएएचओ डॉ. पुष्पा जागलान ने इस स्कूल में खुद बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई। स्कूल प्राचार्य राजकुमार, अध्यापक मोहनलाल अहलावत भी इस मौके पर खास तौर पर मौजूद रहे। किसी भी बच्चे को अल्बेंडाजोल की गोलियां खाने से किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान और डीएएचओ डॉ. पुष्पा जागलान ने पहले ही सभी स्कूल मुखियाओं को यह बता दिया था कि सोमवार को बच्चों को ब्रेक फास्ट कर के आने के लिए कहा जाए और खाली पेट बच्चों को यह गोलियां नहीं खिलाई जाएं। सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने जिले में एनडीडी कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर अपने विभाग की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां इसलिए खिलाई गई हैं ताकि बच्चों के पेट में पलने वाले खून चूसने वाले कीड़ों को मारा जा सके। इससे बच्चे स्वस्थ रहेंगे और पढ़ाई में उनका मन ज्यादा लगेगा।
जो बच गए, उन्हें 17 को खिलाई जाएंगी गोलियां : डॉ. अजय चालिया
डॉ. अजय चालिया ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान के मार्गदर्शन में एनडीडी कार्यक्रम के तहत 69 प्रतिशत बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई गई है। 499388 बच्चों में से जो लगभग 31 प्रतिशत बच्चे सोमवार को यह गोलियां नहीं खा पाए, उन्हें माप-अप अभियान के तहत 17 फरवरी को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी।