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स्कूल-कॉलेज के बाद यूनिवर्सिटी में भी 61 प्रतिशत सीटों पर बेटियों का कब्जा

कर्मपाल गिल, जींद: कभी 10वीं या 12वीं के बाद घर बैठा दी जाने वाली बेटियां, अब उच्च शिक्षा में भी झंडे गाड़ रही हैं। जींद में चार साल पहले खुली चौधरी रणबीर ¨सह यूनिवर्सिटी ने बेटियों ने सपनों को अब और बड़े पंख लगा दिए हैं। यूनिवर्सिटी के सभी कोर्सो में 61 फीसदी से अधिक सीटों पर बेटियों का कब्जा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 10:52 PM (IST)
स्कूल-कॉलेज के बाद यूनिवर्सिटी में भी 61 प्रतिशत सीटों पर बेटियों का कब्जा
स्कूल-कॉलेज के बाद यूनिवर्सिटी में भी 61 प्रतिशत सीटों पर बेटियों का कब्जा

कर्मपाल गिल, जींद: कभी 10वीं या 12वीं के बाद घर बैठा दी जाने वाली बेटियां, अब उच्च शिक्षा में भी झंडे गाड़ रही हैं। जींद में चार साल पहले खुली चौधरी रणबीर ¨सह यूनिवर्सिटी ने बेटियों ने सपनों को अब और बड़े पंख लगा दिए हैं। यूनिवर्सिटी के सभी कोर्सो में 61 फीसदी से अधिक सीटों पर बेटियों का कब्जा है।

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सीआरएसयू में पहले साल से लेकर अब तक सभी कोर्सो में बेटियों की संख्या ही ज्यादा है। यूनिवर्सिटी में अभी कुल 1231 लड़कियां पढ़ाई कर रही हैं। उनमें 475 लड़के हैं, तो 756 लड़कियां हैं। इस साल 19 कोर्सो में प्रथम वर्ष में 304 लड़के और 437 लड़कियां हैं, जबकि द्वितीय वर्ष में तो लड़कियों की संख्या लगभग दोगुनी है। इनमें 171 लड़के और 320 लड़कियां हैं। कई कोर्स तो ऐसे हैं, तो जिनमें लड़कियों की संख्या लड़कों से चार से पांच गुणा ज्यादा हैं।

दैनिक जागरण से बातचीत में छात्रा रीना ने कहा कि यूनिवर्सिटी नहीं होती तो परिजन उसे उच्च शिक्षा के लिए रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय या कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नहीं भेजते। अब जींद में यूनिवर्सिटी खुलने से काफी फायदा हो गया है। इसी तरह जींद की शिव कॉलोनी से आने वाली छात्रा पूजा ने कहा कि उसने यूनिवर्सिटी में एमएससी में दाखिला लिया है। बीएससी के बाद घरवालों ने कह दिया था कि सीआरएसयू में एडमिशन हो जाएगा तो ठीक है, वर्ना घर बैठकर पत्राचार से ही पढ़ाई करना। कहीं बाहर नहीं भेजेंगे। इन छात्राओं ने कहा कि यूनिवर्सिटी से छात्राओं को काफी फायदा हुआ है।

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एमएससी मैथ में पांच गुणा तो फिजिक्स में चार गुणा बेटियां

एमएससी के सभी कोर्सो में छात्राओं की संख्या छात्रों से कई गुणा हैं। इसी साल शुरू हुए एमएससी फिजिक्स के कोर्स में लड़कों से चार गुणा लड़कियां हैं। फिजिक्स में छह लड़के और 24 लड़कियां हैं। इसी तरह कैमिस्ट्री में सात लड़के और 22 लड़कियां हैं। एमएससी मैथेमेटिक्स में आठ लड़के और 40 लड़कियां हैं। इसी तरह कई अन्य कोर्सो में भी बेटियों ने बेटों को पछाड़ रखा है। --बेटियों को मिला अच्छा प्लेटफार्म

स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी बेटियां पढ़ाई में बेटों से आगे हैं ही। अब उच्च शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटी अच्छा प्लेटफार्म मिल गया है। इससे जींद के आसपास की लड़कियों को घर के पास ही उच्च शिक्षा की सुविधा मिल गई है। सभी कोर्सो में जिस तरह बेटियों की संख्या ज्यादा है, उससे उम्मीद है कि भविष्य में शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में भी बेटियां धाक जमाएंगी।

डॉ. राजबीर ¨सह, रजिस्ट्रार, सीआरएसयू।


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