अभय बोले : मिसेज अजय व उसके बेटों ने तोड़ा परिवार, अब उनसे रिश्ता खत्म
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की फरलो रद होने और उन्हें अस्पताल से जेल भेजे जाने के बाद मंगलवार को अभय ¨सह चौटाला ने बड़ा ऐलान करते हुए बड़े भाई अजय ¨सह के परिवार से अपने रिश्ते खत्म कर दिए।
जागरण संवाददाता, जींद : पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की फरलो रद होने और उन्हें अस्पताल से जेल भेजे जाने के बाद मंगलवार को अभय ¨सह चौटाला ने बड़ा ऐलान करते हुए बड़े भाई अजय ¨सह के परिवार से अपने रिश्ते खत्म कर दिए। अभय ने कहा कि भाभी नैना व उनके दोनों बेटों दुष्यंत व दिग्विजय ने परिवार को तोड़ा है। इन लोग मेरे मां-बाप के खिलाफ षड्यंत्र रचा है, इसलिए अब मैं उनसे कोई रिश्ता नहीं रख सकता।
मंगलवार सायं पत्रकारों से बातचीत में अभय चौटाला ने कहा कि दुष्यंत-दिग्विजय और केजरीवाल ने षड्यंत्र के तहत इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की फरलो रद करवाई है। इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के लिए गृह मंत्री से जांच की मांग करेंगे। इनेलो सुप्रीमो के साथ हुई नाइंसाफी को लेकर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। अभय ने दिग्विजय-दुष्यंत को औरंगजेब की संज्ञा देते हुए कहा कि दादा की पीठ में छुरा घोंपकर जेल भेजने का जो काम इन दोनों ने किया है, ऐसा ही इतिहास में औरंगजेब ने अपने पिता को जेल में डालकर किया था। अभय चौटाला ने कहा कि मैंने दुष्यंत को हिसार व नैना को डबवाली से टिकट दिलवाई। लेकिन दुष्यंत-दिग्विजय व केजरीवाल ने मिलकर डॉक्टरों पर दबाव डालकर 85 साल के चौटाला को रात में अस्पताल से डिस्चार्ज करवा दिया। ऐसे में चौटाला साहब ने जेल में खुद की जान का खतरा बताया है। अभय ने कहा कि अभय ने कहा कि मेरी मां को पांच महीने से महीने में 15 से 20 दिन अस्पताल में रहना पड़ रहा है। इस दौरान एक बार भी मिसेज अजय या उनके बेटों ने मेरी मां या चौटाला साहब का हाल-चाल नहीं पूछा। इन्होंने पांच महीने से रिश्ता तोड़ लिया था। लेकिन मैं शांत था। अब इनसे पारिवारिक रिश्ते का कोई महत्व नहीं है।
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अभय ने बताया, यूं हुआ षड्यंत
अभय ने कहा कि 16 जनवरी को ओमप्रकाश चौटाला ने फरलो की अर्जी लगाई थी, जिसे 17 जनवरी डीजी ने मंजूर कर दिया था और शर्त लगाई थी कि वह तेजा खेड़ा फार्म पर ही रहेंगे। सप्ताह में एक बार पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। 19 जनवरी को जेल प्रशासन ने फिर एक चिट्ठी लिखकर कहा कि वे किसी भी राजनैतिक कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकते। फिर तीसरी चिट्ठी दिल्ली के गृह मंत्री की ओर से जारी हुई, जिसमें कहा कि चौटाला को 28 को पेरोल पर जाने दिया जाए। क्योंकि हमें शिकायत मिली है कि वह जींद उपचुनाव में जाकर हिस्सा लेंगे। इसलिए इस पेरोल को आगे बढ़ाया जाए। इस आदेश पर 19 जनवरी की तारीख है, जबकि जिस शिकायत का हवाला दिया गया, वह 21 जनवरी को रिसीव हुई है। अभय ने कहा कि इस शिकायत पर किसी का नाम भी नहीं है। उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस के नाम यह याचिका खुद जेल प्रशासन द्वारा ही लिखी गई है। बिना उन्हें मिले यह याचिका जेल प्रशासन कैसे पहुंची, यह अपने आप में एक सवाल है, जो षड्यंत्र को दर्शाता है।