आवारा पशु की टक्कर से बिजनेसमैन आईसीयू में भर्ती, सेक्टरवासी का पीजीआइ से चल रहा इलाज
जागरण संवाददाता, जींद शहर की सड़क पर बढ़े आवारा पशु एक बार फिर लोगों की जान लेने
जागरण संवाददाता, जींद
शहर की सड़क पर बढ़े आवारा पशु एक बार फिर लोगों की जान लेने लगे हैं। शहर की सभी सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार हो गई है। रात के समय इनकी चपेट में आने से लोग घायल हो गए हैं। बीते दिनों में दो लोग सांडों की चपेट में आ गए। इनमें एक हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
आवारा पशुओं से शहर को राहत दिलाने के लिए जयंती देवी मंदिर के सामने अस्थायी नंदीशाला बनाई गई है। इसके अलावा पुराने हांसी रोड पर भी चार एकड़ में नंदीशाला है। आवारा पशु सड़कों पर ¨जदगी के लिए खतरा न बनें, इसलिए लोग नंदीशालाओं में इन सांडों व गायों के लिए खूब दान भी दे रहे हैं। नंदीशाला के लिए ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा चंदा दिया जा चुका है। इसके अलावा सैकड़ों टन चारा भी लोग दान दे चुके हैं। अभी नंदीशाला में चारा भी पर्याप्त है। बावजूद इसके प्रशासन सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान नहीं चला रहा है। इससे लोगों में गुस्सा है। रात के समय सभी आवारा सड़कों पर जमा हो जाते हैं, जिससे लोगों का सुरक्षित सफर करना मुश्किल हो गया है।
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--सुनील गुप्ता दस दिन से आईसीयू में
हाउ¨सग बोर्ड निवासी सुनील गुप्ता उर्फ पप्पू भैया 25 जुलाई की रात को रधाना से बाइक पर जींद घर आ रहे थे। लघु सचिवालय के सामने आवारा पशु की टक्कर से सड़क पर गिर गए और सिर में गंभीर चोट लग गई। उनका इलाज हिसार के ¨जदल अस्पताल में चल रहा है। करीब 52 वर्षीय सुनील दस दिन से आईसीयू में भर्ती हैं। उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
--मौत के मुंह से निकला राजबीर मलिक
हुडा के सेक्टर-9 में आधी पूंछ कटे आवारा सांड ने आतंक मचा रखा है। यह सांड राह चलते लोगों को टक्कर मार रहा है। कुछ दिन पहले सेक्टरर निवासी राजबीर मलिक को सांड ने सीधी टक्कर मार दी। वह मौत के मुंह से निकलकर आए हैं। उनका अभी रोहतक पीजीआई से इलाज चल रहा है। सेक्टर वासी सांड को कई बार भगा चुके हैं, लेकिन वह फिर आ जाता है।
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--प्रशासन आवारा पशुओं को पकड़े
फोटो: 56
शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या बढ़ गई है। सफीदों गेट से हैबतपुर चौक पर रात नौ बजे के आसपास 200 सांड इकट्ठे हो जाते हैं। बस अड्डे के पास भी सांड घूमते रहते हैं। प्रशासन इन्हें पकड़ने का अभियान चलाए।
दलशेर लोहान, शिक्षाविद