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सरकार की योजना के तहत लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से हड़पे 50 लाख

जागरण संवाददाता, जींद : सस्ती दरों पर समूह में लोन देने के नाम पर करीब 1325 लोगों से 50 लाख

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 11:26 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 11:26 PM (IST)
सरकार की योजना के तहत लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से हड़पे 50 लाख
सरकार की योजना के तहत लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से हड़पे 50 लाख

जागरण संवाददाता, जींद : सस्ती दरों पर समूह में लोन देने के नाम पर करीब 1325 लोगों से 50 लाख रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। सीटीएम माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने पैसे ऐंठने के लिए पूरा प्लान तैयार किया हुआ था। लोन के इच्छुक महिलाओं को तलाशने के लिए वेतन पर 450 युवकों को नौकरी पर रखा हुआ था। शिकायकर्ता सुरेश रेढू, मंदीप, ममता, धर्मेंद्र, सुशील, प्रदीप, जगदीश, नरेश, राजपाल ने बताया कि मार्के¨टग करने के जाने वाले युवकों को बकायदा भारत सरकार से स्वीकृत आइकार्ड दिया हुआ था। इस आइकार्ड को देखकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग विश्वास कर लेते थे। जहां पर कर्मचारी लोगों से एक लाख रुपये के लोन के बदले में 3775 रुपये फाइल चार्ज और इंश्योरेंस लेते थे। कंपनी कार्यालय में पहुंचने पर कुछ कागजी कार्रवाई करके 90 दिन में लोन पास करने का आश्वासन दिया जाता था। लेकिन कंपनी पूरे नौ माह तक लोगों को इसी तरह झांसे में लेकर पैसे लेती रही। जब काफी दिनों के बाद भी लोगों को लोन के पैसे नहीं मिले तो आरोपित ने इसी बीच में नरवाना की महिलाओं का एक लाख रुपये का लोन जारी कर दिया। इसके बाद उनको सबूत के तौर पर प्रयोग करते हुए लोगों के बीच में जाकर फिर से पैसे ऐंठने का कार्य फिर से शुरू कर दिया। जब अधिकतर को लोन के पैसे देने का समय आया तो आरोपित ने कार्यालय को बंद कर दिया।

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चार लोगों के समूह को देते थे लोन

शिकायकर्ताओं ने बताया कि आरोपितों ने लोन देने के लिए नियम बनाए हुए थे और ग्रुप में ही लोन देते थे। इसके लिए चार लोगों को शामिल किया जाता था। प्रत्येक की एक-एक लाख रुपये की राशि का लोन जारी करने की एवज में 15100 रुपये फाइल चार्ज व इंश्योरेंस के लेते थे।

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बदलते रहे कंपनी का नाम

शिकायकर्ताओं ने बताया कि शुरुआत में कंपनी गांव बिघाना निवासी सुनील व उसके एक साथी ने खोली थी। इसके थोड़े दिनों के बाद कंपनी का चार्ज रोहतक निवासी महेंद्र ¨सह ने ले लिया। आरोपितों ने नौ माह के अंदर तीन नाम बदले। पहले कंपनी सीटीएस माइक्रो फाइनेंस कंपनी, उसके बाद यम्बो बिजनेंस प्राइवेट लिमिटेड और उसके बाद बालाजी फाउंडेशन प्राइवेट लिमिटेड से कंपनी को चलाया और तीनों ही कंपनियों में इसी स्कीम के तहत लोगों से पैसे ऐंठे।

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कंपनी में नौकरी करने वाले युवाओं से मांग रहे राशि

फाइनेंस कंपनी के कार्यालय बंद करने के बाद उसमें नौकरी करने वाले युवाओं की मुसीबत बढ़ गई है। जिन लोगों ने कंपनी में लोन के लिए अप्लाई किया था, वह लोग अब उनके पास जाने वाले युवाओं से पैसे मांग रहे है। कंपनी में नौकरी करने वाले युवाओं ने बताया कि उनको 14 हजार 800 रुपये सैलरी व बाइक का पेट्रोल अगल से देने का वायदा किया था, लेकिन कंपनी ने उनकी सैलरी भी नहीं दी।

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कंपनी के सभी कार्यालयों पर लगा ताला

शिकायकर्ताओं ने बताया कि कंपनी ने जींद मुख्यालय की बजाए कस्बों में ही कार्यालय खोले। जल्द से जल्द एरिया का कवर किया जा सके इसके लिए आरोपितों ने जुलाना, पिल्लूखेड़ा, नरवाना में अपने कार्यालय बनाए हुए थे। इसके अलावा हिसार, फतेहाबाद, कैथल जिले में भी आरोपितों ने अपने कार्यालय बनाए हुए हैं। जहां पर हर कार्यालय में मार्क¨टग के लिए अलग-अलग युवकों को नौकरी पर रखा हुआ है।

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लोन देने के नाम पर लोगों से पैसे लेने का मामला उनके संज्ञान में आया है। कुछ लोग उनसे मिले थे और उसके जांच के आदेश दे दिए है।

डॉ. अरूण ¨सह, एसएसपी जींद


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