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यूरिया के 38 हजार बैग पहुंचे, विभाग का दावा पर्याप्त है स्टाक

जिले में यूरिया खाद के 38 हजार बैग पहुंचे हैं। जो जिलेभर में प्राइवेट डीलर्स के पास भेजे गए हैं। सरसों व गेहूं की बिजाई के समय किसानों को डाइ अमोनियम फास्फेट (डीएपी) खाद के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी और घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ा था। अब गेहूं की बिजाई का 80 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 05:06 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 05:06 PM (IST)
यूरिया के 38 हजार बैग पहुंचे, विभाग का दावा पर्याप्त है स्टाक
यूरिया के 38 हजार बैग पहुंचे, विभाग का दावा पर्याप्त है स्टाक

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में यूरिया खाद के 38 हजार बैग पहुंचे हैं। जो जिलेभर में प्राइवेट डीलर्स के पास भेजे गए हैं। सरसों व गेहूं की बिजाई के समय किसानों को डाइ अमोनियम फास्फेट (डीएपी) खाद के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी और घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ा था। अब गेहूं की बिजाई का 80 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। जिससे अब डीएपी के लिए मारामारी भी नहीं रही है। किसानों को लगता है कि डीएपी की ही तरह अब यूरिया खाद की भी किल्लत हो सकती है। समय पर अगर यूरिया ना मिला, तो उनकी गेहूं की फसल खराब ना हो जाए। इसलिए किसान पहले ही एडवांस में यूरिया खाद खरीद रहे हैं। गेहूं की बिजाई के 21 से 30 दिन बाद सिचाई के समय यूरिया खाद डाली जाती है। किसान दो से तीन बार में दो या तीन बैग प्रति एकड़ गेहूं की फसल में डालते हैं। लेकिन ज्यादातर किसान एक ही बार में पूरे सीजन के लिए यूरिया खाद खरीद लेते हैं। जिले में अभी तक करीब साढ़े 27 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद पहुंच चुकी है और रबी सीजन में लगभग 76 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत पड़ेगी। पर्याप्त है यूरिया, जरूरत के हिसाब से ही खरीदें किसान कृषि विभाग से क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि 38 हजार यूरिया खाद का रैक पहुंचा है। जल्द ही और भी यूरिया खाद जींद पहुंचेगी। जिले में पर्याप्त यूरिया है। इसलिए किसान परेशान ना हों और जरूरत अनुसार ही यूरिया खरीदें। करीब 17 हजार टन डीएपी खाद आ चुकी है और अभी 300 टन डीएपी का स्टाक बचा हुआ है।

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