पिछले सप्ताह डेंगू के 22 मरीज आए सामने, तेजी से फैल रहा वायरल बुखार
55 हुआ जिले में डेंगू से पीड़ितों का आंकड़ा 500 से ज्यादा वायरल के मरीज आ रहे नागरिक
55 हुआ जिले में डेंगू से पीड़ितों का आंकड़ा
500 से ज्यादा वायरल के मरीज आ रहे नागरिक अस्पताल में
133 केस आए थे पिछले साल डेंगू के
जागरण संवाददाता, जींद : जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। लगभग एक सप्ताह में डेंगू के 22 नए केस आ चुके हैं। जिले में अब डेंगू के मरीजों की संख्या 55 पर पहुंच चुकी है। वहीं बड़ी संख्या में लोग वायरल बुखार से पीड़ित हैं, जो निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। मौसम में बदली होने से नागरिक अस्पताल में भी ओपीडी बढ़ गई है और प्रतिदिन 500 से ज्यादा वायरल के मरीज आ रहे हैं।
पिछले सप्ताह तक जिले में डेंगू के 33 मरीज थे। पिछले सात दिनों में 22 और नए डेंगू के पॉजिटिव केस पाए गए। पिछले साल की तुलना में हालांकि इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या काफी कम है। पिछले साल जिले में डेंगू के 133 केस आए थे, लेकिन पिछले एक सप्ताह में डेंगू के एक साथ ज्यादा केस आना ¨चताजनक है। नागरिक अस्पताल में डेंगू के लिए अलग वार्ड बनाया गया है और डेंगू व संभावित मरीजों को वहां पर दाखिल किया गया है। वहीं कुछ मरीज हिसार व आसपास के निजी अस्पतालों में दाखिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू अक्टूबर तक ही फैलता है। नवंबर में ठंड बढ़ने के साथ ही डेंगू खत्म हो जाता है। अब रात के समय ठंड बढ़ गई है, जबकि दिन में गर्मी होती है, इससे वायरल, खांसी व जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। नागरिक अस्पताल में सामान्य दिनों में एक हजार से 1100 की ओपीडी होती है, जो अब 1700 तक पहुंच गई है। इनमें में 25 प्रतिशत मरीज वायरल से पीड़ित हैं। वहीं खांसी व जुकाम के मरीजों की भी संख्या लगातार बढ़ रही है। हर रोज वायरल से पीड़ित लगभग सौ मरीजों के मलेरिया, डेंगू व टाइफाइड की जांच के लिए खून के सैंपल लिए जाते हैं।
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डेंगू के लक्षण
मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, ठंड के साथ तेज बुखार आना, कमजोरी, भूख न लगना, चेहरे, गर्दन व छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज दिखना, हेमरेजिक बुखार में नाक और मसूढ़ों से खून आना डेंगू के लक्षण हैं। चिकित्सकों के अनुसार प्लेटलेट्स कम होने का मतलब डेंगू बुखार होना नहीं है। वायरल बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं।
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फो¨गग में बरती जा रही लापरवाही
डेंगू और मलेरिया बीमारी पर नियंत्रण के लिए बरसाती सीजन के साथ ही फो¨गग शुरू हो जाती है और डेंगू के मरीजों की पॉजिटिव आने तक जारी रहता हैं। स्वास्थ्य विभाग वहीं फो¨गग कराता है, जहां डेंगू या मलेरिया का पॉजिटिव केस पाया जाता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू के मरीज मिलने के बाद वहां पर फो¨गग करने में लापरवाही बरत रहा है। इसके कारण मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
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बचाव के उपाय
-वायरल, खांसी व जुकाम से पीड़ित मरीज के संपर्क में न आएं।
-मरीज को खांसते और झींकते समय मुंह-नाक पर कपड़े का प्रयोग करना चाहिए।
-अस्थमा और दमा के मरीजों को ज्यादा भीड़भाड़ व प्रदूषण वाले क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए।
-बीमार पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लिए बगैर किसी दवाई का सेवन करने से बचें।
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स्वाइन फ्लू से सावधान रहने की जरूरत
डेंगू का असर नवंबर माह के मध्यम तक ही रहता है। सर्दी बढ़ने से जहां डेंगू का असर खत्म होगा और स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा बढ़ जाता है। पिछले साल जिले में स्वाइन फ्लू के लगभग डेढ़ दर्जन केस सामने आए थे, लेकिन जिले में अभी तक कोई भी मरीज सामने नहीं आया है। लेकिन जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, इसके फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिले में स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लैब में जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जाते हैं। डेंगू से न डरें, यह सामान्य बुखार
मौसम में बदलाव हुआ है, रात के समय सर्दी बढ़ गई है। वहीं दिन के समय गर्मी है। इससे वायरल, खांसी व दमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है। अक्टूबर तक ही डेंगू का असर रहता है। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है। मरीज निजी अस्पताल व लैब के बहकावे में न आएं। डेंगू व स्वाइन फ्लू की पुष्टि सरकारी लैब की रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाती है।
डॉ. जीडी शर्मा, नोडल अधिकारी मलेरिया