19 सदस्यों ने डाले वोट, मत पेटी सील, हाईकोर्ट के फैसले पर अगली कार्रवाई
जिला परिषद की सियासत गर्म: प्रधान पदमा ¨सगला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुआ मतदान। जिसमें 19 पार्षदों ने वोट डाले। 22 पार्षद मौ
जिला परिषद की सियासत गर्म: प्रधान पदमा ¨सगला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुआ मतदान
22 पार्षद मौद रहे मीटिंग में
19 ने डाला वोट
25 अक्टूबर को होगी सुनवाई
जागरण संवाददाता, जींद
जिला परिषद की प्रधान पदमा ¨सगला के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को डीआरडीए कांफ्रेंस रूम में मतदान हुआ। मीटिंग में कुल 22 पार्षद मतदान के लिए मौजूद रहे। इनमें से 19 पार्षदों ने वोट डाला, जबकि प्रधान पदमा ¨सगला और उनके गुट के सतीश पहलवान व विनोद सैनी ने मतदान नहीं किया। प्रधान पदमा ने बुधवार की मी¨टग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जिस पर 25 अक्टूबर को सुनवाई है। तब तक मतपेटी को सील करके ट्रेजरी के लॉकर रूम में रखवा दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर ही प्रशासन अगली कार्रवाई करेगा।
पिछले महीने 16 सितंबर को 26 में से 20 जिला पार्षदों ने प्रशासन को प्रधान पदमा ¨सगला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए प्रशासन को शपथ पत्र दिए थे। इस पर प्रशासन ने 4 सितंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर मी¨टग बुला ली थी। लेकिन उस दिन डीसी के चंडीगढ़ जाने के कारण प्रशासन ने बैठक को स्थगित कर दिया था। प्रशासन ने दोबारा तीन अक्टूबर को मी¨टग बुला ली। इसके खिलाफ प्रधान पदमा ¨सगला ने हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया। पदमा ने अपनी याचिका में कहा कि हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 के तहत अविश्वास प्रस्ताव पर एक बार मी¨टग बुलाने के बाद उसे स्थगित नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रशासन दोबारा मी¨टग नहीं बुला सकता। उस दिन 11 बजे तक कोई पार्षद मतदान करने नहीं आया, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव तो उसी दिन गिर गया था। अब आगामी कार्रवाई हाइकोर्ट के फैसले पर निर्भर है। हाईकोर्ट का फैसला पदमा के पक्ष में आता है तो 3 अक्टूबर के मतदान का कोई औचित्य नहीं रहेगा। यदि हाइकोर्ट 3 अक्टूबर की मी¨टग को मान्य करता है तो मतगणना करवाई जाएगी। प्रधान पदमा ¨सगला ने कहा कि मेरे समर्थित तीन पार्षदों को सत्ता पक्ष ने जबरन उठा रखा था। उम्मीद है कि इन तीनों ने उनके पक्ष में क्रॉस वो¨टग की है।
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इन्होंने डाला वोट:
वार्ड 1 से सुभाष, 2 से राजेंद्र शर्मा, 3 से ¨पकी, 4 से बलजीत, 5 से दर्शना देवी, 7 से सुमन बड़नपुर, 8 से मनजीत लोधर, 9 से मुकेश घोघड़िया, 10 से जितेंद्र चहल, 11 से दिनेश डाहौला, 12 से गुंजन दलाल, 13 से उमेद ¨सह, 14 से सतपाल संगतपुरा, 17 से दिनेश बिशनपुरा, 18 से विकास बूराडेहर, 19 से गीता लाठर, 21 से शकुंतला बूढ़ाखेड़ा, 24 से ऋषिपाल हाट, 25 से प्रवीण घनघस ने मतदान किया।
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--इन्होंने मतदान में नहीं लिया हिस्सा
प्रधान पदमा ¨सगला समर्थित वार्ड 6 से मोनू, 15 से विनोद निर्जन, 16 से अमित निडानी, 20 से सतीश लिजवाना, 22 से पदमा ¨सगला, 23 से कोमल ऐंचरा खुर्द और 26 से रीना खेड़ा खेमावती ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
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पार्षदों की हुई चे¨कग, मोबाइल, पेन व घड़ी भी अंदर नहीं ले जाने दी
डीआरडीए के कांफ्रेंस रूम में मतदान के लिए इंट्री से पहले महिला व पुरुष पार्षदों की कड़ी चे¨कग हुई। किसी पार्षद को मोबाइल, पेन व घड़ी भी अंदर नहीं ले जाने दी। प्रधान पदमा ¨सगला का पर्स भी बाहर ही रखवा दिया। एक-दो पार्षद ने ही इसका हलका विरोध किया और सब चे¨कग करवाकर अंदर जाते रहे। मतदान के बाद पार्षदों ने कहा कि सदन उनका है, न कि पुलिस और प्रशासन का। भविष्य में इस तरह चे¨कग नहीं होने देंगे।
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वर्जन
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए मी¨टग में 22 सदस्यों ने भाग लिया और 19 ने मतदान किया। मतदान पेटी को सील करके ट्रेजरी कार्यालय में रखवा दिया है। हाइकोर्ट का निर्णय आने के बाद ही अगली कार्रवाई होगी।
अमित खत्री, डीसी, जींद अविश्वास प्रस्ताव पर मी¨टग तो 4 सितंबर को हो चुकी है। प्रशासन ने यह मी¨टग गलत तरीके से सरकार और केंद्रीय मंत्री के दबाव में बुलाई है। उम्मीद है कि हाईकोर्ट में 25 अक्टूबर को उनके पक्ष में फैसला आएगा।
पदमा ¨सगला, प्रधान, जिला परिषद, जींद