वाटर टैंक के लिए नहीं मिली सौ एकड़ जमीन, भाखड़ा से पानी लाने बनाई की योजना
जागरण संवाददाता, जींद : शहर में भूमिगत पानी का टीडीसी ज्यादा होने के कशहर में भूमिगत पानी का टीडीसी ज्यादा होने के कारण प्रशासन नहरी पानी के लिए लंबे समय से वाटर वर्क्स के लिए सौ एकड़ जमीन तलाश रहा है, लेकिन जमीन न मिलने के कारण अब प्रशासन ने भाखड़ा नहर का पानी लाने की योजना बनाई है। प्रशासन ने इसका प्रपोजल सरकार को भेजा है। इसे मंजूरी मिल जाती है, तो शहर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, जींद : शहर में भूमिगत पानी का टीडीसी ज्यादा होने के कारण प्रशासन नहरी पानी के लिए लंबे समय से वाटर वर्क्स के लिए सौ एकड़ जमीन तलाश रहा है, लेकिन जमीन न मिलने के कारण अब प्रशासन ने भाखड़ा नहर का पानी लाने की योजना बनाई है। प्रशासन ने इसका प्रपोजल सरकार को भेजा है। इसे मंजूरी मिल जाती है, तो शहर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
शहर में हुडा सेक्टरों के कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो पूरे शहर में ट्यूबवेलों का अंडरग्राउंड वाटर सप्लाई होता है। इस पानी में टीडीएस (टोटल डिजॉल्व सॉलिड) की मात्रा कहीं नौ सौ है तो कहीं दो हजार से भी ज्यादा है। इतनी अधिक मात्रा में टीडीएस वाला पानी सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। इससे शरीर में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इस पानी से कैंसर, लीवर, किडनी आदि जैसी बीमारियां हो सकती हैं। शहर के लोग लंबे समय से नहरी पानी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। जींद शहर के बीच से गुजरने वाली हांसी ब्रांच नहर में 40 से 50 दिन बाद पानी आता है, इसलिए इतने दिनों तक पानी स्टोर करने के लिए प्रशासन करीब सौ एकड़ जमीन की तलाश कर रहा था। लेकिन इतनी जमीन एक साथ कहीं नहीं मिल रही थी। हालांकि तीन-चार जगहों पर 30-35 एकड़ जमीन मिली है। भाखड़ा नहर में लगातार पानी चलता रहता है, इसलिए सरकार भाखड़ा से पानी लाने के प्रपोजल को मंजूरी दे देती है, तो थोड़ी जमीन पर भी वाटर वर्क्स बनाया जा सकता है। भाजपा नेताओं ने सीएम के आगे रखा था यही प्लान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 अप्रैल को जींद हलके के भाजपा नेता जवाहर सैनी, डॉ. ओपी पहल और प्रशांत बरवाला को चंडीगढ़ में जींद के विकास कार्यो पर चर्चा करने के लिए बुलाया था। जब इन भाजपा नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के सामने शहर में पेयजल की समस्या का मुद्दा रखा था। जवाहर सैनी ने बताया कि उन्होंने सीएम को लिखित में दिया था कि भाखड़ा नहर से पाइप लाइन के जरिये जींद में पानी पहुंचाया जाए तो लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। साथ ही, वाटर वर्क्स के लिए भी ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं को आश्वासन दिया था कि इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर लेकर अधिकारियों से फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी जाएगी। रिपोर्ट ओके मिलने पर इसे हरी झंडी दे दी जाएगी। अभी हुडा के दो वाटर वर्क्स
शहर में अभी सिर्फ हाउ¨सग बोर्ड, हुडा सेक्टर और डिफेंस कॉलोनी के कुछ इलाकों में नहरी पानी की सप्लाई होती है। इसके लिए हांसी ब्रांच नहर के साथ हुडा ने दो वाटर वर्क्स बनाए हैं। इनमें एक वाटर टैंक की क्षमता 320 लाख गैलन और दूसरे की 301 लाख गैलन है। इनमें लगभग 2300 लाख लीटर पानी ही स्टोर किया जा सकता है। दूसरी परियोजना पर हो रहा काम
डीसी अमित खत्री ने कहा कि भाखड़ा नहर से पानी लाकर शहर के लोगो को पिलाने की योजना के साथ ही जिला प्रशासन दूसरी परियोजना को भी साथ लेकर चल रहा है। अगर किन्हीं कारणों से भाखड़ा नहर से पानी लाकर जलघर में डालने की योजना सिरे नहीं चढ़ती है, तो दूसरी परियोजना एक बड़ा जलघर बनाकर स्थानीय नहर से पानी उपलब्ध कराना है। इन दोनों परियोजनाओं में से एक को जल्द सिरे चढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि हर हाल में शहर के लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सके।