गेहूं तो ओट लेगी, गर तेज बूंद हो गई या ओले पड़ गे तो सरसो कतई बैठ जागी
जागरण संवाददाता, झज्जर : बुधवार की रात से बदले हुए मौसम का असर बृहस्पतिवार दिन की शुरुआ
जागरण संवाददाता, झज्जर : बुधवार की रात से बदले हुए मौसम का असर बृहस्पतिवार दिन की शुरुआत के साथ भी देखने को मिला। जिला के कई इलाकों में तेज बारिश हुई तो कहीं हल्की रिमझिम बरसात देखने को मिली। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने पहले ही बारिश की संभावना जताई थी। इसी के साथ तापमान में भी बदलाव हुआ। बारिश के साथ शीत लहर चलने से यहां ठिठुरन भी बढ़ गई है। देखा जाए तो तापमान में बदलाव का दौर आने वाले दिनों में भी लगातार जारी रहने की उम्मीद है। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले एक-दो दिन में बारिश आने के आसार भी बने हुए हैं। जिससे तापमान में हल्की गिरावट भी आएगी। मौसम में बदलाव आने के पूर्वानुमान के मुताबिक शाम होने के साथ ही असर दिखाई देने लगा था। ----दो दिन और हो सकती है बारिश बीते तीन दिन से वैसे तो तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी। जिसके कारण से लोगों को सर्दी का सितम भी नहीं झेलना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार दो दिन तेज हवाएं चलने व बारिश की भी संभावना है। आठ फरवरी से एक बार फिर से तापमान में मामूली गिरावट होगी। जिसके बाद सोमवार तक न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री तक रहने की संभावना है। 12 फरवरी से पुन: न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच जाएगा। मौसम के स्तर पर पर तेजी से हो रही उठापटक का प्रभाव बेशक ही खेत और किसान के अलावा बाजार में कार्य कर रहे व्यापारियों पर भी दिखाई देने लगा है। मूलत: जिला मुख्यालय स्थित बाजार के अलावा बेरी, बादली, साल्हावास, मातनहेल, माछरौली सहित अन्य केंद्रों में प्राय: ग्रामीण आंचल से जुड़े ग्राहक खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा होने के कारण भी लोगों का कारोबार और बाजार एक दूसरे से जुड़े हुए है। इसलिए मौसम के स्तर पर सुबह के समय में होने वाली इस तरह की उठापटक का असर दिन भर बाजार के कारोबार पर भी प्रतिकूल होकर सामने आता है। गेहूं तो ओट लेगी, गर तेज बूंद हो गई या ओले पड़ गे तो सरसो कतई बैठ जागी तलाव गांव के किसान अंकित पूनिया, खातीवास से राजेंद्र ¨सह, दुलीना से राम निवास आदि का कहना है कि जो मौसम में बदलाव दिख रहा है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि गेहूं तो इस मौसम और बरसात दोनों के लिए अनुकूल है। लेकिन बरसात के साथ अगर ओलावृष्टि या फिर तेज हवा आ जाती है तो समझो सरसो की फसल को काफी नुकसान होगा। चूंकि इस समय में सरसो इस तरह के बदलाव को एक हद तक ही बर्दाश्त कर सकती है। इससे ज्यादा होने वाला बदलाव सीधे रूप से नुकसान दायक साबित होगा। ----सड़कों पर जमे कीचड़ बरसात होने के बाद बिजली के लगने वाले कट और सड़कों पर जमा होने वाला गंदा पानी एवं कीचड़ बेशक ही लोगों की कार्यशैली पर अपना प्रतिकूल असर दिखाता है। ऐसा ही यहां दिन भर दिखाई दिया। बृहस्पतिवार सुबह से शुरु हुई बरसात के कारण जहां स्कूल जाने वाले विद्यार्थी एवं अभिभावकों को परेशानी हुई। वहीं नौकरी पेशा लोगों को भी दिक्कत हुई। सुबह से ही यहां सूर्य देवता बादलों के साथ लुका-छिपी करते हुए दिखाई दिए। हालांकि, लोग इस इंतजार में थे कि सूर्य देवता के दर्शनों के साथ ठंडक में कुछ राहत मिलेगी। लेकिन दिन भर मौसम सुबह जैसा ही बना रहा।