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..हम तो कतई दु:खी हो लिए, बांदरा ने जीना हराम कर रख्या सै

जागरण संवाददाता, झज्जर : दिल्ली रोड स्थित बहुतकनीकी संस्थान के नजदीक किराए पर रहने वाले

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 10:43 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 10:43 PM (IST)
..हम तो कतई दु:खी हो लिए, बांदरा ने जीना हराम कर रख्या सै
..हम तो कतई दु:खी हो लिए, बांदरा ने जीना हराम कर रख्या सै

जागरण संवाददाता, झज्जर : दिल्ली रोड स्थित बहुतकनीकी संस्थान के नजदीक किराए पर रहने वाले एक परिवार का किशोर पंकज बृहस्पतिवार दिन के समय में बंदर से बचने के लिए छत से नीचे कूदा तो खड़ा ही नहीं हो पाया। परिवार के लोगों ने संभालाते हुए देखा तो पाया कि उसे असहनीय दर्द हो रहा था। आनन-फानन में रिक्शा पर पंकज को यहां सिविल अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। यहां चिकित्सकों ने बताया कि दोनों ही पैरों में गंभीर चोटें आई है। जिसके कारण प्लास्टर करना पड़ेगा। सामान्य से परिवार से संबंध रखने वाले पंकज का दर्द से बुरा हाल था, कहना था कि वह तो दुकान का डिब्बा उठाकर नीचे ला रहा था। एकदम से बंदर पीछे पड़ गए और उसे कुछ समझ में ही नहीं आया। छत से नीचे कूदा तो पैरों से उठा ही नहीं गया। इधर, परिवार के लोग भी यहां परेशान दिखाई दिए।

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पंकज की माता राजकुमारी ने बताया कि हम तो कतई दुखी हो लिए, बांदरा ने जीना हराम कर रख्या सै। एक कमरे के किराए के मकान में रहते है। वैसे ही छत पर नहीं चढ़ पाते। यह बेटा तो काम के लिए गया था। लेकिन बंदरों के पीछे पड़ने से संभल नहीं पाया। बहरहाल, अब अस्पताल में लेकर आए है। इलाज किया जा रहा है। चिकित्सक कह रहे है कि दोनों पैरों में पलास्टर किया जाएगा। कुछ दिनों में स्कूल भी खुलने है। ऐसी स्थिति जब परीक्षाएं भी नजदीक दिख रही है तो वह अब स्कूल जाने की स्थिति में भी नहीं है। हर तरफ से ही परेशानी सिर पर दिख रही है। --बंदरों की परेशानी ना तो कोई नई समस्या है ना ही उसका कोई यहां समाधान दिख रहा है। इसी परिवार के साथ आई एक महिला ने बताया कि कुछ समय पहले एक बंदर ने बच्चे का कान काट लिया था। इधर, बुधवार को शहर के डायमंड चौक के नजदीक भी छत पर पतंग उड़ा रहे किशोर ने बंदर से बचने के लिए छत से छलांग लगा दी थी। हालांकि, वहां राहत की बात यह रही कि आस-पास मौजूद रहे लोगों ने किशोर को छत से कूदते हुए देख लिया था, जिसके कारण उसे बचा लिया गया। इससे पूर्व भी शहर में कई मामले ऐसे सामने आए थे। जहां पर बच्चों आदि को बंदरों ने काटते हुए चोटिल किया था। जबकि कुछेक मकानों में तो लोगों ने जाल भी लगवाए है। बहरहाल, बनी इस स्थिति में प्रशासनिक स्तर पर अवश्य ही कदम उठाया जाना चाहिए। ताकि लोगों की समस्या का समाधान हो सके।


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