पानी की किल्लत को लेकर ग्रामीणों ने जताया विरोध
बेरी उपमंडल के गांव धौड़ में पीने के पानी की किल्लत को लेकर बृहस्पतिवार को गांव स्थित जलघर पर पहुंचते हुए ग्रामीणों ने अपना विरोध व्यक्त किया।
संवाद सूत्र, बेरी : उपमंडल के गांव धौड़ में पीने के पानी की किल्लत को लेकर बृहस्पतिवार को गांव स्थित जलघर पर पहुंचते हुए ग्रामीणों ने अपना विरोध व्यक्त किया। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव धौड़ में बनाए गए जलघर के वाटर स्टोरेज टैंक पिछले एक साल से सूखे पड़े हैं। इससे गांव के करीब हजारों लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक जलघर में पिछले एक साल से पानी ठीक ढंग से नहीं आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वैसे तो ये समस्या लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन, पिछले एक साल से तो बहुत बुरा हाल है। ग्रामीण सुधीर बताते है कि गांव में पशुओं के लिए तो पानी उपलब्ध होना तो दूर की बात ग्रामीणों को ही पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा। मौजूदा समय में पशुओं को पानी पिलाने के लिए गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित तालाब में ले जाना पड़ता है। ग्रामीण कैंपर खरीदकर प्यास बुझा रहे है और हैंडपंप के पानी से अपने दैनिक कामों को पूरा कर रहे हैं। बॉक्स : ग्रामीण दीपक का कहना है कि गर्मी के मौसम में लोगों को पीने के पानी की समस्या बहुत ज्यादा हो रही है। रोजाना 15 लीटर पानी के लिए 300 से 400 रुपये प्रति महीने देने पड़ते हैं।इन दिनों लॉकडाउन ने लोगों की समस्या को वैसे ही बढ़ा रखी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मजबूरन उन्हें कोई दूसरा रास्ता अपनाना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस समस्या के समाधान के लिए कई दफा अधिकारियों के यहां पर चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन, राहत के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। इधर, अपना विरोध व्यक्त कर रहे ग्रामीणों ने शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अपनी बात रखीं।
लंबे समय से समस्या को लेकर गांव के लोग परेशान है। विभागीय अधिकारियों से मुलाकात का दौर भी चल रहा है। इंतजार स्थाई समाधान का है।
सरपंच राजेश धौड़।
- जलघर में रिपेयरिग का काम चलने के कारण ग्रामीणों को पानी की समस्या आ रही है। रिपेयरिग में कुछ दिन का समय और लग सकता है। जिसके बाद ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो जाएगा।
संजय जून, कार्यकारी अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग।