ट्रैफिक प्रभारी पर तू-तड़ाक, अभद्र भाषा और पिटाई करने का लगाया आरोप, एएसपी बोले- मामले की हो रही जांच
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला मुख्यालय पर तैनात टै्रफिक प्रभारी वीरेंद्र पर राहगीर के साथ
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला मुख्यालय पर तैनात टै्रफिक प्रभारी वीरेंद्र पर राहगीर के साथ तू-तड़ाक करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करने के बाद मारपिटाई किए जाने का आरोप लगा है। आरोप लगाने वाले दो युवक है। जो कि किसी काम के लिए बृहस्पतिवार सुबह झज्जर आए हुए थे। शहर के बीचों-बीच स्थित आंबेडकर चौक पर फ्रूट आदि खरीदने के दौरान सड़क किनारे खड़ी गाड़ी को वहां से हटाए जाने को लेकर यह विवाद प्रारंभ हुआ। ट्रैफिक प्रभारी पर आरोप यह है कि उन्होंने स्वयं अपनी निजी गाड़ी को उनकी गाड़ी के आगे अड़ाते हुए चौक के साइड में खड़ी गाड़ी को हटाने की बात कही। बाद में जब उन्होंने सामान खरीदने ओर नो-पार्किंग का बोर्ड नहीं लगे होने का तर्क दिया तो अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। बीच सड़क पर हुए इस विवाद को बढ़ता देख, आस-पास के काफी लोग भी मौके पर आ पहुंचे। लेकिन विवाद शांत होने की बजाय बढ़ता चला गया। दोनों पक्षों के बीच हुई गरमा-गरमी के दौरान एक अन्य पीसीआर भी वहां पहुंची। लेकिन पीसीआर में मौजूद स्टॉफ के सदस्य बीच-बचाव नहीं कर पाए। जिसके चलते यहां पर जाम की स्थिति भी बन गई। हालांकि, जाम को देखते हुए ट्रैफिक प्रभारी अपनी निजी गाड़ी को वहां से ले गए और कुछ दूर आगे जाकर सड़क पर खड़ा कर वापस चौक की तरफ लौट आए। इधर, आरोप लगाने वाले रोहतक के मोखरा निवासी युवक आशीष के मुताबिक वापस आने के बाद ट्रैफिक प्रभारी ने उसके साथ मारपिटाई करते हुए चोट पहुंचाई है। जिसके लिए उसने सिविल अस्पताल से उपचार भी प्राप्त किया है। उधर, मामले में एएसपी शशांक कुमार सावन का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। कोई लिखित शिकायत तो मिली नहीं है। हां, व्यक्तिगत स्तर पर जांच जरूर करवाई जा रही है। सड़क किनारे फ्रूट खरीदने को लेकर शुरू हुआ विवाद : शहर में लगने वाले जाम से निजाते दिलाने के मद्देनजर विभिन्न मार्गों को वन वे कर दिया गया है। अन्य तरह के प्रयास भी किए जा रहे हैं, ताकि जाम की स्थिति नहीं बने। लेकिन पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान नहीं हो पाना भी एक बड़ी समस्या आन बना है। ऐसा ही मामला यहां बृहस्पतिवार को सामने आया। गाड़ी में सवार दो युवक। जिसमें एक युवक अधिवक्ता था और दूसरा उसका साथी, ने चौक पर खड़े फ्रूट बेचने वालों के पास अपनी गाड़ी खड़ी की थी। वह अभी सामान खरीद ही रहे थे कि ट्रैफिक प्रभारी निजी गाड़ी में इसी दौरान वहां आए और वहां से गाड़ी हटाने को कहा। गाड़ी में बैठे युवकों का कहना था कि उनके साथी गाली देकर बात की गई है। जब कहा गया कि यहां पर नो पार्किंग का कोई साइन भी भी नहीं लिखा हुआ तो कुछ सुना भी नहीं। जिसके बाद विवाद बढ़ता चला गया। इसी दौरान गाड़ी में बैठे हुए एक युवक ने मोबाइल से वीडियो बनानी शुरू कर दी। दोनों पक्षों में होती रही बात के दौरान तना-तनी का माहौल भी बनता हुआ दिखाई दिया। मामला इस हद तक दिखाई दिया कि दोनों पक्ष स्वयं को ठीक बता रहे थे।
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दिन के समय में हुए इस विवाद के दौरान एक पीसीआर गाड़ी भी मौके पर पहुंची। गाड़ी में मौजूद रहे स्टॉफ के सदस्यों ने भी प्रयास किया कि मामला शांत हो जाए। इस दौरान जहां ट्रैफिक प्रभारी गाड़ी को इंपाउंड करने की बात कह रहे थे। वहीं युवकों का कहना था कि उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। वह मामले को एसपी के समक्ष उठाएंगे। जिस पर दोनों पक्षों में हो रही तनातनी के दौरान मौके पर पहुंचा स्टॉफ भी मदद नहीं कर पाया। बीच चौक में बने इस घटनाक्रम के कारण कुछ समय तक जाम की स्थिति भी बनी रही। जिससे लोगों को भी परेशानी हुई।
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ट्रैफिक प्रभारी के फोन को उठाने वाले एएसआइ संजय ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि युवकों को गाड़ी हटाने को बोला गया था। लेकिन इन युवकों ने गाड़ी नहीं हटाई। जिस पर ट्रैफिक प्रभारी ने चालान करने के लिए कहा तो वह दुर्व्यवहार करने लग गए। इसके अतिरिक्त लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। गाड़ी में सवार रहे आशीष के मुताबिक गाली देकर बात किए जाने के अलावा मारिपटाई की गई है। जब गाड़ी को आगे ले जा रहे थे तो पीछे से आकर पंच मारने के अलावा अन्य चोट भी मारी है। सिविल अस्पताल में उपचार लिया है। एएसपी शशांक कुमार सावन के मुताबिक मामला संज्ञान में आया है। कुछ जानकारी एकत्र भी की है। हालांकि, लिखित अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। फिर भी अपने स्तर पर जांच करवाई जा रही है।