भूख हड़ताल पर बैठे आठ विद्यार्थियों की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में उपचाराधीन
झज्जर अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे आठ विद्यार्थियों की तबी
जागरण संवाददाता, झज्जर :
अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे आठ विद्यार्थियों की तबीयत बिगड़ने के कारण उनका सिविल अस्पताल से उपचार कराया जा रहा है। आदर्श आचार संहिता के दौर में आगे बढ़ रहे विरोध के बीच विद्यार्थी समझ ही नहीं पा रहे कि वे अब क्या करें। इधर, धरना पर विद्यार्थियों के साथ पहुंचे अभिभावक भी परेशान हो रहे है। उधर, विद्यार्थी किसी भी स्तर कुछ समझने को तैयार नहीं है।
पिछले 2 सितंबर से विरोध का रास्ता अख्तियार करते हुए श्री राम पार्क में धरना दे रहे विद्यार्थियों का विरोध लंबा चल निकला है। आचार संहिता लगने से पहले जहां विभिन्न राजनैतिक दलों से जुड़े हुए नेताओं सहित अन्य संगठनों ने धरना पर पहुंचते हुए उनकी आवाज के समर्थन में अपनी बात कही थी। वहीं, विद्यार्थियों के स्तर पर भी हर तरह से आवाज उठाई गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर धरना, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के अलावा शहर में भी रोजाना कैंडल मार्च निकालते हुए उन्होंने शहरवासियों का समर्थन भी जुटाया था। इसी दौरान उन्होंने अपनी भूख हड़ताल भी शुरू की थी। लेकिन, प्रशासनिक व्यवस्था के स्तर पर हुए हस्तक्षेप के कारण वह हड़ताल वापिस ले गई और धरना जारी रहा।
अब एक दफा फिर से उन्होंने सामूहिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार को हड़ताल के चौथे दिन सुबह से बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है। सिर्फ पानी पीकर अपना समय व्यतीत कर रहे विद्यार्थियों के चैक-अप के लिए स्थानीय सिविल अस्पताल की टीम भी शेड्यूल के मुताबिक उनका चैक-अप कर रही है। कुल मिलाकर, पेंचीदा बनी इस स्थिति में विद्यार्थी अपना संस्थान बदलवाए जाने की मांग उठा रहे है। कहना है कि वे अपनी मांग पर पीछे नहीं हटेंगे। जबकि, मौजूदा समय में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण भी उन्होंने सरकार के स्तर पर किसी तरह की मदद मिलने की संभावनाएं काफी कम प्रतीत होती है।