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जहरीली हवा का असर बरकरार

जागरण संवाददाता, झज्जर : दीपावली के तीन दिन बाद भी जहरीली हवा का असर निरंतर बरकरार ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:23 PM (IST)
जहरीली हवा का असर बरकरार
जहरीली हवा का असर बरकरार

जागरण संवाददाता, झज्जर : दीपावली के तीन दिन बाद भी जहरीली हवा का असर निरंतर बरकरार है। प्रदूषण के कारण बिगड़ी हुई इस हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है जो कि एक गंभीर ¨चता का विषय है। सूर्य देवता की बात हो तो बदलते हुए मौसम के बीच वह भी देरी से निकलने लगे है। शहर के बाहरी क्षेत्र में मौसम के इस प्रभाव के कारण खास तौर पर गाड़ी चालकों को ज्यादा दिक्कत हो रही है। दमा रोगियों को बन रही खास परेशानी

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इन दिनों में वातावरण में मिश्रित प्रदूषण करने वाले हानिकारक तत्व हवा में मौजूद रहते हैं। हालांकि इस बार पराली को लेकर किसान काफी जागरूक हुए हैं। पहले से पराली जलाए जाने के मामलों में भी कमी आई है। उल्लेखनीय है कि खास तौर पर पराली जलाने से पैदा होने वाले धुएं से सस्पेंडेड पार्टिकल्स, नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड बढ़ जाती है। जो लोगों की सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं। धुएं में एसपीएम 2.5 एमएम भी होते हैं जो सांस के साथ फेफड़ों में घुस जाते हैं। इन्हीं गैसों व पार्टिकल्स के कारण न केवल आंखों में जलन बल्कि आंखें लाल होना, आंखों में एलर्जी हो सकती है। टीबी व दमा के रोगियों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है। जिसके लिए वह चिकित्सीय परामर्श भी ले रहे हैं।

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खानपान का रखें ध्यान

प्रदूषण में खानपान का अधिक ध्यान रखना पड़ता है। जिससे कि इसके प्रभाव से बचा जा सके। इसके लिए आप गुड़, अदरक और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीए। आपको अच्छा लगेगा। गुड़ से बनी चाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके साथ ही यह एक एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है। जिसके कारण आपको गले और फेफड़े का इंफेक्शन नहीं होगा।

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- जब तापमान सामान्य से कम हो जाए, हवा की नमी सोखने की पावर कम हो जाती है, ऐसे में फालतू नमी से छोटी-छोटी बूंदें बन जाती हैं जो कि हवा में तैरती रहती है।

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यह उपाय भी आजमाएं

चिकित्सक डा. राकेश गर्ग के अनुसार इससे सांस संबंधी रोग हो सकते हैं, त्वचा संबंधी बीमारी भी बन सकती हैं। कभी गर्मी, ठंड बढ़ने से निमोनिया, ठंड लगने के रोगी भी बढ़ सकते हैं। इसलिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें, घर से दो पहिया वाहन पर निकलें तो हेल्मेट का प्रयोग करें।


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