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किसी सस्‍पेंस फिल्‍म से कम नहीं धोखा और लूट की यह कहानी, जिसने सुना उसका सिर चकराया

एक व्‍यापारी ने किसी सस्‍पेंस फिल्‍म की तरह अपने दोस्‍त के साथ धोखा व लूट की वारदात की। उसने पहले तो दोस्‍त का करीब डेढ़ करोड़ का नकली सोना दे दिया और यह सोना लूट लिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 06:12 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 08:50 AM (IST)
किसी सस्‍पेंस फिल्‍म से कम नहीं धोखा और लूट की यह कहानी, जिसने सुना उसका सिर चकराया
किसी सस्‍पेंस फिल्‍म से कम नहीं धोखा और लूट की यह कहानी, जिसने सुना उसका सिर चकराया

बहादुरगढ़ (झज्‍जर), जेएनएन। एक व्‍यापारी ने अपने दोस्‍त के साथ सस्‍पेंस फिल्‍म की तरह धोखा और लूट की वारदात की। जिसने भी इस बारे में सुना उसका सिर चकरा गया। उसने दोस्‍त से लिए कर्ज को चुकाने के लिए पूर साजिश के तहत पहले पांच किलो नकली सोना दे दिया और फिर राज न खेले इसके लिए उसकी लूट करवा दी। पुलिस ने लूट का केस दर्ज कर जांच की तो पूरा मामला जानकर अफसर भी दंग रह गए। मामले का खुलासा साढ़े तीन महीने बाद हुआ।

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साथी को पहले असली बताकर नकली सोने की डिलीवरी कराई, बाद में रास्ते में लूट करवा दी थी

पुलिस जांच खुलासा हुआ कि साढ़े तीन माह पहले हिसार के व्यापारियों से बहादुरगढ़ में 21.60 लाख रुपये और पांच किलो सोना लूटने की घटना तो असली थी, लेकिन सोना नकली था। यह पूरी साजिश तीनों व्यापारियों में से ही एक ने रची थी। इसकी वजह डेढ़ करोड़ रुपये की देनदारी खत्म करना था, जिसका भेद अब खुला है।

बहादुरगढ़ के डीएसपी अजायब सिंह ने बताया कि वारदात के दौरान हिसार के गंगवा के रहने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी महाबीर और उसके साथी सातरोड निवासी राजकुमार व विशाल बीती 26 फरवरी को कार से दिल्ली से हिसार जा रहे थे। इनमें से महाबीर और विशाल प्रॉपर्टी का काम करते हैं और राजकुमार की फ्लोर मिल है। कार में ही राजकुमार के 21.60 लाख रुपये और महाबीर का पांच किलो सोना रखा था।

उन्‍होंने बताया कि बहादुरगढ़ बाईपास पर पहले तो उनकी कार में पीछे से लाल रंग की सफारी ने टक्कर मारी और जब वे लोग नीचे उतरे तो सफारी में सवार लोग उनकी कार लेकर भाग निकले। डीएसपी ने बताया कि इस पूरी साजिश के पीछे महाबीर के दोस्त संजीव का हाथ था। संजीव को डेढ़ करोड रुपये महाबीर को लौटाने थे। संजीव का सोने का काम है। ऐसे में उसने अपने सेल्समैन रवि के साथ मिलकर साजिश रची। दोनों ने  नकली सोने को असली बताकर महाबीर को डिलीवरी कराई और फिर रास्ते में उसे लूट लिया। इसके लिए रवि ने अपने ही गांव धांसू के सुशील को अपने साथ मिलाया।

डीएसपी ने बताया कि साजिश में सुशील ने एक दिल्ली के परिचित को भी शामिल किया। उस परिचित ने पुलिस हिरासत से भागे विकास दलाल से संपर्क किया। विकास दलाल ने अपने दो-तीन और साथियों को मिलाया। कुल मिलाकर धांसू गांव के चार युवकों समेत सात-आठ लोग नकली सोने की लूट की साजिश में शामिल हो गए। उनकी सोच यह थी के महाबीर से पांच किलो सोने की लूट होगी तो वह संजीव से अपने डेढ़ करोड़ रुपये की डिमांड नहीं करेगा, क्योंकि पांच किलो सोने की कीमत डेढ़ करोड के आसपास बनती है। सोना संजीव ने ही मंगवाया था।

इस राज का खुलासा नहीें होता यदि लूटपाट की वारदात से जुड़ा एक आरोपित के हिसार में पकड़ न लिया जाता। उससे जानकारी पाने के बाद बहादुरगढ़ पुलिस ने एक और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया और सारी कहानी सामने आ गई। पकड़े गए दोनों अभियुक्त राकेश और सुशील उर्फ बाक्सर उर्फ कालिया हिसार के धांसू गांव के रहने वाले हैं। सुशील को हिसार पुलिस ने अवैध हथियार के साथ कुछ दिन पहले पकड़ा था।  उससे पूछताछ के बाद राकेश को बहादुरगढ़ बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया। दोनों रिमांड पर हैं।

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